हाइलाइट्स :
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से पत्रकार अमृता राय ने पूछा सवाल।
कन्हैया कुमार ने कहा, औरतों को सबसे पहले मर्दों से इज्जत की उम्मीद छोड़ देना चाहिए।
कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह भी हुए शामिल।
इंदौर, मध्यप्रदेश। महिला राष्ट्रपति होते हुए महिलाओं के साथ ऐसी घटना (मणिपुर महिला यौन हिंसा) हो रही है, क्यों कुछ नहीं बोला जा रहा...यह कहना है कन्हैया कुमार का। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कन्हैया कुमार रविवार को इंदौर पहुंचे। यहाँ कमलनाथ को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा हनुमान प्रतिमा और गदा भेंट किया गया। इसके बाद रेडिसन होटल में महिला कांग्रेस द्वारा आयोजित महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव की अहमियत कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कमलनाथ, कन्हैया कुमार और दिग्विजय सिंह ने यहाँ महिलाओं के प्रश्नों का जवाब दिया।
कन्हैया कुमार ने कहा कि, मुझे अधिकार नहीं कि, मै महिलाओं के बारे में बात करूँ यह मेरी जिम्मेदारी है। वक्त के साथ महिलाओं की स्थिति सुधरी है। हमें जेंडर के बारे में बात करनी चाहिए। जेंडर डिस्कोर्स सबसे बड़ा डिस्कोर्से है। भारत में महिलाओं ने हिजाब पहनने के लिए आंदोलन किया लेकिन जहाँ से हिजाब आया वन खोलने के लिए आंदोलन हुआ इसलिए आपके लिए क्या सही है ये हम तय नहीं कर सकते। हम आपके लिए कुछ तय नहीं करेंगे। हमें आशावादी होना चाहिए। इंडिया में प्रतिभा देवी पाटिल पहली प्रेजिडेंट बन गई। अमेरिका में आज तक कोई महिला प्रेसिडेंट नहीं बन पाई है। अभी भी हमारी राष्ट्रपति महिला है। लेकिन यह काफी नहीं है। महिला राष्ट्रपति के होते हुए ऐसी घटना जब हो रही है तो उसपर क्यों कुछ नहीं बोला जा रहा है। औरतों को सबसे पहले मर्दों से इज्जत की उम्मीद छोड़ देना चाहिए।
पत्रकार अमृता राय ने पूछा कमलनाथ से सवाल:
इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी और वरिष्ठ पत्रकार अमृता राय ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से पूछा कि, अगर आपकी सरकार बनेगी तो महिलाओं के लिए क्या प्राथमिकता रहेगी ? इसका जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा- आपके सवाल के पहले भाग से मई सहमत नहीं हूँ, सरकार बनने में अगर नहीं लगाए। सरकार तो बनेगी ही...। इसके बाद उन्होंने महिलाओं को लेकर कांग्रेस की प्राथमिकता बताई।
महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदलने में कांग्रेस क्या करेगी ?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके जवाब में कहा कि, महिलाओं की प्राथमिकता और पब्लिसिटी पर 10 साल पहले तक ये कभी नहीं होता था कि हम सबको बताएं की प्रतियोगिता परीक्षा में महिलाएं कैसे आगे आ रहीं हैं। मैं सरकार की योजना पर विशवास नहीं रखता। महिलाएं स्वयं सामने आएं। बेनीफिशयरी खुद बताएं कहाँ कमी है।
ज्यूडिश्यरी और मीडिया में महिलाओं की भूमिका ?
कमलनाथ ने कहा कि, क्या आप चाहते हैं की मैं कमेंट करूँ। हाथों में पेन है लेकिन हाथ बंधे हुए हैं। आप जजों से पूछिए की वो कैसे सिलेक्शन करते हैं। हम जजों के सिलेक्शन में राय दे सकते हैं। बहुत सी चीज़ें मेरिट बेस्ड होती हैं और महिलाओं में मेरिट है। महिलाओं को भी प्रिंट मीडिया में मौका मिले। केवल पुरुष ही अच्छे एडिटर नहीं हो सकते, महिलाएं भी हो सकती हैं।
महिलाओं को हथियार की तरह उपयोग करने के प्रश्न पर कमलनाथ और कन्हैया ने कहा -
कमलनाथ ने कहा कि, हमें सोच बदलनी है 18 साल बाद याद आई आपको बहनों की। मध्यप्रदेश का कोई मतदाता बिकाऊ नहीं है। मणिपुर हिंसा का झगड़ा ट्राइबल और नॉन ट्राइबल का झगड़ा है। सोचिये अगर ये मध्यप्रदेश में हो...? ये खतरे की बात है। इनकी शुरुआत मणिपुर जैसी होती हैं। 2 महीने से मुझे मणिपुर घटनाओं का पता चल रहा है। मुझे घबराहट है की ये कहाँ-कहाँ फ़ैल सकता है। हमारे देश की प्रेस से ज्यादा इंटरनेशनल प्रेस ने इसे कवर किया है।
वहीँ इसका जवाब देते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि, आपको समझना होगा आपकी लड़ाई उसी से है जिसे अपनी जन्म दिया है। ये लाड़ली बहना, लाड़ली के लिए नहीं है ये लाड़लों के लिए है। आधी आबादी है प्रदेश में आधा हिस्सा लेंगे। हज़ार- दो हज़ार में नहीं मानेंगे।
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