मध्यप्रदेश। एमपी की राजधानी में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ने मोर्चा खोल दिया है। एएनएम (ANM) की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में विसंगति और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। जिसके बाद मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम का बड़ा बयान सामने आया है।
कमलनाथ ने बयान देते हुए कही ये बात
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान देते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश सरकार को एएनएम की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करना चाहिए। भर्ती परीक्षा का जो विज्ञापन जारी किया है उसके कारण मध्य प्रदेश की 7000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एएनएम बहनों का भविष्य दांव पर है। वे अपनी न्यायपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके: कमलनाथ
आगे कमलनाथ ने कहा कि, मेरी, छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों से इस संबंध में मुलाकात हुई थी और वे न्यायालय की शरण में गई थी। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों को परीक्षा की अनुमति दी गई है। सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री के बंगले के बाहर प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मचारी:
बता दें कि, एमपी में अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मचारी स्वास्थ्य मंत्री के बंगले के बाहर बैठकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी की मांग है कि मुख्य समायोजन 90 परसेंट की नीति और हाल ही में जो परीक्षा हो रही उसमें ANM के नियमों में संशोधन किया जाए। स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा- अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
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