ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में शनिवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक का बहिष्कार करके राज्यपाल कोटे के सभी ईसी मेंबर मीटिंग हॉल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। सदस्यों का आरोप था कि 8 मई को हुई बैठक में बीएड एवं अन्य कोर्सों को संचालित करने वाले कॉलेजों को संबद्धता देने के मामले में जेयू अधिकारियों और ईसी मेम्बरों पर आरोप लग रहे हैं। पहले इसके लिए जांच समिति गठित की जाए, उसके बाद हम अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वहीं कुलपति ने ईसी के हाजिरी रजिस्टर को मान्य करते हुए सभी सामान्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले महाविद्यालयों को सम्बद्धता प्रदान कर दी है।
जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में हंगामा हो गया। बैठक शुरू होते ही कार्यपरिषद के सदस्य विवेक भदौरिया, शिवेन्द्र सिंह राठौर और प्रदीप शर्मा आदि ने कहा है कि जो पिछले दिनों बीएड कॉलेज की संबंद्धता को लेकर जेयू अधिकारी और कार्यपरिषद सदस्यों पर जो आरोप लग रहे हैं। इसके लिए जांच समिति गठित की जाए। उसके बाद ही हम सामान्य पाठ्यक्रम वाले महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने पर विचार करेंगे। इस पर कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी व रेक्टर प्रो. डीएन गोस्वामी ने कहा कि आरोप लगते रहते हैं, हम मीडिया को नोटिस भेजकर सबूत मांगेंगे। इस पर सदस्य सहमत नहीं हुए और उन्होंने बाहर आकर कुलपति के कार्यालय के बाहर धरना दे दिया।
राज्यपाल कोटे के ईसी सदस्य संजय यादव, सेवंती भगत और संगीता कटारे भी धरने में शामिल हो गये। कुलपति प्रो. तिवारी भी बाहर आए और फर्श पर ही सदस्यों के साथ बैठ गए। उन्हें जांच के भरोसा दिलाया और उन्हें बैठक में ले गए। लेकिन, बैठक में भी डॉ.विवेक भदौरिया और कुलपति के बीच बहस होने लगी। यह देखकर डॉ.भदौरिया बैठक छोड़कर चले। उनके पीछे-पीछे डॉ.शिवेन्द्र राठौर भी चले गए। ईसी मेम्बर संजय यादव और प्रदीप शर्मा उन्हें मनाने के लिए भी पहुंचे, लेकिन उन्होंने बैठक में भाग लेने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद सभी ईसी मेम्बरों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया।
हाजिरी रजिस्टर मान्य कर दी सम्बद्धता
ईसी मेम्बरों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया, लेकिन,उन्होंने बैठक में भाग लेते ही हाजिरी रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर कर दिये थे। कुलपति प्रो.तिवारी ने उनकी हाजिरी मान्य करते हुए बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता प्रदान करने में जो फैसला लिया था कि 31 जुलाई तक शिक्षकों के दस्तावेज जमा किये जाएं, इसी शर्त को लागू करते हुए सामान्य पाठ्क्रम वाले महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने का फैसला लिया है।
यह है पूरा मामला
बीएड, लॉ, मैनेजमेंट व सामान्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कॉलेजों में निरीक्षण के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। कहीं स्टाफ नहीं है तो कहीं लैब, फर्नीचर, लाइब्रेरी नहीं है। अप्रैल में हुई कार्यपरिषद की बैठक में राज्यपाल कोटे के ईसी मेंबरों ने शर्त लगाई कि जब तक कॉलेज संचालक अपने यहां पदस्थ शैक्षणिक स्टाफ का आधार कार्ड और उन्हें दिये जा रहे वेतन का पिछले तीन माह का बैंक स्टेटमेंट नहीं देते तब तक उन्हें संबद्ता नहीं दी जाएगी। इसके लिए कॉलेज संचालकों को तीन अप्रैल तक का समय दिया गया। लेकिन चुनिंदा कॉलेजों ने ही यह दस्तावेज जमा किये। लेकिन, बैठक में 197 बीएड कॉलेजों को तीन माह का समय देते हुए सम्बद्धता दे दी। इससे अब जेयू अधिकारियों और ईसी मेम्बरों पर लेन-देन के आरोप लग रहे हैं।
विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने सौंपा ज्ञापन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी कुलपति को ज्ञापन सौंपा। परिषद के प्रदेश सह मंत्री हिमांशु श्रोती ने बताया विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री ने बताया अनियमितता पाए जाने महाविद्यालय को जो संबद्धता दी गई है उस पर जांच समिति गठित की जाए एवं अनियमितता पाए जाने वाले महाविद्यालय की संबद्धता तत्काल समाप्त की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगी।
इनका कहना है
बैठक शुरू होते ही मैंने जांच समिति गठित करने की मांग की, लेकिन कुलपति जांच समिति गठित करने के लिए तैयार नहीं थे। इसीलिए मैंने उनके कक्ष के बाहर धरना दिया। जब उन्होंने बात नहीं मानी तो मैं बैठकर छोड़कर चला गया। सामान्य कोर्सों वाले कॉलेजों की सम्बद्धता पर विचार तो जब होता जब बैठक होती। यदि सामान्य कोर्सों वाले कॉलेजों को सम्बद्धता दी है तो इसकी शिकायत में राजभवन में करूंगा।
डॉ.विवेक भदौरिया, कार्यपरिषद सदस्य, जेयू
बैठक शुरू होते ही धरना और उसके बाद बैठक का ही बहिष्कार कर दिया। इस बीच सामान्य पाठ्यक्रम वाले कॉलेजों पर चर्चा ही नहीं हुई। बिना ईसी के यदि सम्बद्धता दी है तो यह गलत है। हम इसका विरोध करेंगे।
डॉ.संगीता कटारे, कार्यपरिषद सदस्य, जेयू
बैठक तो हुई है, क्योंंकि सभी के हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर हैं। बैठक में सामान्य पाठ्यक्रम वाले महाविद्यालयों को सम्बद्धता प्रदान कर दी है। 31 जुलाई तक शिक्षकों के दस्तावेज जमा करने का समय दिया है, जिस प्रकार बीएड में दिया है।
डॉ.विमलेन्द्र सिंह राठौर, पीआरओ, जेयू
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