ग्वालियर। बीएड कॉलेज संचालकों के पास शिक्षकों से जुड़े दस्तावेज जीवाजी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने का 30 अप्रैल अंतिम दिन है। यदि बीएड कॉलेज संचालक शिक्षकों के दस्तावेज जेयू के डीसीडीसी कार्यालय में जमा नहीं कराते हैं। तो उन्हें बीएड की सम्बद्धता से वंचित रखा जाएगा, क्योंकि यह निर्णय 28 अप्रैल को ह़ुई कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया था। बैठक में तय हुआ था कि जो भी बीएड कॉलेज 30 अप्रैल तक डीसीडीसी कार्यालय में अपने यहां परिनियम 28 (17) के तहत नियुक्ति प्राचार्य व शिक्षकों के सत्यापित आधार कार्ड सहित वेतन के बैंक स्टेटमेंट जमा करा देंगे,उन्हें नए सत्र 2023-24 की संबद्धता के पत्र जारी कर दिए जाएंगे।
वहीं जो कॉलेज यह जानकारी उक्त तिथि तक प्रस्तुत नहीं करेंगे,उनकी संबद्धता के प्रकरण आगामी कार्यपरिषद की बैठक में पुन: रखे जाएंगे। ईसी मेंबरों का कहना था कि संबद्धता पत्र तभी जारी करें, जब सारे कॉलेजों से शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज जमा हो जाएं। कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने कहा कि इसमें देरी हो सकती है। इसलिए महाविद्यालय संचालकों को दस्तावेज जमा कराने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया।
ईसी मेम्बरों से जोड़-तोड़ शुरू
ऐसे बीएड कॉलेज संचालक अब परेशान हैं, जिन्होंने शिक्षकों की नियुक्तियां सिर्फ कागजों में ही कर रखी हैं। शिक्षक तो हैं, मगर बैंक के जरिए शिक्षकों को वेतन नहीं नहीं देते, ऐसे कॉलेज वाले भी परेशान हैं। अगर जानकारी प्रस्तुत नहीं की तो संबद्धता नहीं मिलेगी और गलत जानकारी दी तो भी संबद्धता संकट में पड़ सकती है। यही वजह है कि बीएड कॉलेज वाले इस प्रयास में जुटे हैं कि कैसे ईसी मेंबरों को मैनेज किया जाए। इससे हमें बीएड की सम्बद्धता मिल जाए।
ईसी मेम्बर पैसे खाने में लगे हुए हैं : अनूप अग्रवाल
इधर, जीवाजी विश्वविद्यालय के राज्यपाल कोटे के पूर्व कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने ईसी मेम्बरों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीएससी नर्सिंग कांड में कितनी बड़ी गड़बड़ी हुई। जिसे मैंने उजागर किया, लेकिन कुछ ईसी मेम्बरों ने पैसे के खातिर प्रकरण को ही नस्तीबद्ध करा दिया, लेकिन सबूत कभी मरते नहीं हैं। मैं न्यायालय की शरण में जाऊंगा और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करूंगा। यहां बता दें कि पूर्व ईसी मेम्बर अग्रवाल ने ही जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष (परीक्षा 2019) के रिजल्ट में घोटाला उजागर किया था। जो विद्यार्थी फेल थे, उनकी पास की मार्कशीट जारी की गई थी। जेयू से 318 फेल विद्यार्थियों की पास की मार्कशीट बनाई गई थी, इसमें 218 विद्यार्थियों को पास की मार्कशीट मिल चुकी थी। लेकिन पूर्व कुलपति की रिपोर्ट के बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया है। इससे पूर्व ईसी मेम्बर खासे नाराज हैं।
यह सवाल मांग रहे जवाब
क्या शिक्षकों के दस्तावेज उपलब्ध करायेंगे कॉलेज संचालक ?
क्या विश्वविद्यालय थाने में बीएससी नर्सिंग कांड की फर्जी एफआईआर कराई गई थी ?
जब बीएससी नर्सिंग में फर्जीवाड़ा नहीं हुआ था तो कर्मचारियों को निलंबित क्यों किया गया ?
क्या जांच समिति ने किसी के दबाव में बनाई है रिपोर्ट ?
क्या ईसी मेम्बर भी नहीं चाहते थे कि उजागर हो बीएससी नर्सिंग कांड का फर्जीवाड़ा ?
अब बिना शिक्षकों के दस्तावेज की पूर्ति किये बिना दी बीएड कॉलेजों को सम्बद्धता तो क्या करेंगे ईसी मेम्बर ?
इनका कहना है
हां, समस्त अशासकीय कॉलेज के प्राचार्यों को पत्र लिखकर 30 अप्रैल तक महाविद्यालयों को परिनियम 28/17 के अंतर्गत चयनित शिक्षकों के तीन माह के बैंक स्टेटमेंट एवं आधार कार्ड की सत्यापित प्रति डीसीडीसी कार्यालय में जमा कराने के आदेश दिये हैं। शिक्षकों संबंधी दस्तावेज जमा कराने के पश्चात ही बीएड महाविद्यालयों को वर्ष 2023-24 की सम्बद्धता प्रदान की जायेगी। जो महाविद्यालयों शिक्षकों के दस्तावेज जमा नहीं करते उन्हें सम्बद्धता नहीं दी जायेगी। इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी होंगे।
राजेन्द्र कुमार बघेल, कुलसचिव, जीवाजी विश्वविद्यालय
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