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मध्य प्रदेश

Jiwaji University : विवादों के बाद आज से शुरू होंगी यूजी की परीक्षायें,48 हजार परीक्षार्थी लेंगे भाग

रेक्टर ने सेंटर बदलने से साफ इंकार कर दिया और इसका अधिकार सिर्फ कुलपति को होने की बात कही। इसके बाद ईसी मेम्बरों ने लेखा विभाग में फाइल देखीं और लंबित फाइलों की सूची तैयार की।

Manish Sharma

ग्वालियर। सेंटर लिस्ट विवाद के बाद बुधवार से यूजी की परीक्षायें शुरू होने जा रही हैं। इस परीक्षा में जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंध शासकीय व अशासकीय महाविद्यालय के 48 हजार परीक्षार्थी भाग लेंगे। इधर, परीक्षा सेंटर में बदलाव की मांग को लेकर मंगलवार को कार्यपरिषद सदस्य कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी से मिलने पहुंचे। लेकिन, वह कार्यालय में उपस्थित नहीं थे। यह देख ईसी मेम्बर रेक्टर प्रो.डीएन गोस्वामी के यहां पहुंचे। वहां उन्होंने रेक्टर से सेंटर बदलने की मांग की। रेक्टर ने सेंटर बदलने से साफ इंकार कर दिया और इसका अधिकार सिर्फ कुलपति को होने की बात कही। इसके बाद ईसी मेम्बरों ने लेखा विभाग में फाइल देखीं और लंबित फाइलों की सूची तैयार की। 

राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्य डॉ.संगीता कटारे, प्रदीप शर्मा और डॉ.विवेक भदौरिया सेंटर लिस्ट में परिवर्तन की मांग को लेकर कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी से मिलने पहुंचे। कार्यालय पहुंचने पर पता चला कि वह विवि नहीं आए। इसके बाद ईसी मेम्बर रेक्टर प्रो.डीएन गोस्वामी के पास पहुंचे और सेंटर लिस्ट में बदलाव की मांग करने लगे। रेक्टर ने सेंटर बदलने से साफ इंकार कर दिया और इसका अधिकार सिर्फ कुलपति को होने की बात कही। सथ ही उन्होंने ईसी मेम्बरों को आश्वसन दिया है कि यूजी का प्रथम पेपर होने के बाद कुछ सेंटरों में हम बदलाव करा देंगे। साथ ही नकल की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ेंगे। इधर, एनएसयूआई छात्र नेता वंश महेश्वरी के नेतृत्व में भी सैंकड़ों छात्र परीक्षा केन्द्र में बदलाव की मांग को लेकर रेक्टर से मिलने पहुंचे। रेक्टर ने जो जवाब कार्यपरिषद सदस्यों को दिया वही जवाब छात्र नेताओं को भी दिया। इससे वह संतुष्ट हो गए और चले गए। 

जनवरी की फाईलें मिलीं लंबित

कार्यपरिषद सदस्यों को शिकायतें मिल रही थीं कि फाईनेंस कंट्रोलर  समय पर फाईलें नहीं कर रहे। इस वजह से भुगतान की फाइलें लंबित पड़ी हुई हैं। इन शिकायतों को आधार बनाते हुए कार्यपरिषद सदस्य डॉ.विवेक भदौरिया, डॉ.शिवेन्द्र सिंह राठौर, डॉ.संगीत कटारे और प्रदीप शर्मा लेखा विभाग में पहुंचे। वहां उन्होंने फाईलों को देखा तो पाया कि 200 से अधिक भुगतानों की फाइलें ठंडे बस्ते में पड़ी हुई हैं। जनवरी और फरवरी तक के बिल पेंडिंग में डले हुए हैं। यह देख उन्होंने जानबूझकर फाइलें रोकने का आरोप लगाया और लंबित फाइलों को सूची तैयार की।  

एक हुए ईसी मेम्बर फिर भी नहीं बद सके सेंटर

जीवाजी विश्वविद्यालय में पदस्थ राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्यों ने यूजी परीक्षाओं के लिए बनाए गए सेंटरों में धांधली का आरोप लगाते हुए सेंटर बदलने की मांग की थी, पत्राचार भी किया था। लेकिन, ईसी मेम्बरों का विरोध काम नहीं आया। जेयू अफसरों के मनमुताबिक बनाए गए परीक्षा केन्द्रों पर ही स्नातक की परीक्षायें आयोजित होंगी। 

विवाद की यह हैं मुख्य वजहें

  • दुपरिया कॉलेज मेहगांव व पंडित दीनदयाल महाविद्यालय मेहगांव जिला भिण्ड की परीक्षा दूसरे के महाविद्यालय में कराई जा रही है। 

  • ए.एस. डिग्री कॉलेज कैलारस व आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, कैलारस जिला मुरैना की परीक्षा एक-दूसरे के महाविद्यालय में कराई जा रही है।

  • परीक्षार्थियों को शहर छोड़कर दूसरे जिले में परीक्षा देने जाना पड़ेगा। 

  • महाविद्यालयों को छोड़ स्कूलों को सेंटर बनाया गया है।

इनका कहना है

हां, हम परीक्षा केन्द्रों में बदलाव की मांग को लेकर रेक्टर से मिले। उन्होंने नकल रहित परीक्षायें आयोजित कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही कुछ सेंटरों में बदलाव पहले पेपर के बाद कहा है। साथ ही हमने फाइनेंस कंट्रोलर कक्ष को देखा तो वहां 200 से अधिक फाइलें लंबित मिलीं। जबकि हम 4 माह पहले हुई बैठक में स्पष्ट कर चुके हैं कि कोई भी फाइल 2-3 दिन से ज्यादा लंबित नहीं रहेगी। 

डॉ.शिवेन्द्र सिंह राठौर, कार्यपरिषद सदस्य  जीवाजी विश्वविद्यालय 

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