जबलपुर, मध्यप्रदेश। नेताजी सुभाष चंद्रबोस केन्द्रीय जेल में किसी न किसी अपराध में बंद कैदियों को विशेष प्रशिक्षण दे कर उन्हें हुनरबंद बनाया जा रहा है। जिससे वह जेल से छूटने के बाद कला के माध्यम से अपना जीवन यापन कर सके। इसके लिए आईटीआई की 5 ट्रेड द्वारा सभी कैदियों को विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए कुशल बनाया जा रहा है। जिसके लिए सभी कैदी प्रशिक्षण में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
जेल उप अधीक्षक मदन कमलेश ने बताया की संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र जबलपुर के द्वारा कुल 4 ट्रेड में आईटीआई का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, यह प्रशिक्षण संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र जबलपुर के इंस्ट्रक्टर के द्वारा जेल में बंद पुरूष एवं महिला दंडित बंदियों के लिए प्रारंभ किया गया है, जिसका कार्यकाल 3 माह का होगा। उक्त प्रशिक्षण होली के उपरांत दिनांक 21 मार्च से प्रारंभ किया गया है, यह प्रशिक्षण प्रात: 8 से 11 बजे तक बंदियों को प्रशिक्षण दिया है।
इन में दिया जा रहा है प्रशिक्षण :
जेल उपाधीक्षक मदन कमलेश के अनुसार बंदियों को आईटीआई की इलेक्ट्रिशियन, एलईडी रिपेयरिंग, कार्पेंट्री, गारमेंट मेकिंग, कारपेंटर, के अलावा महिला बंदियों के लिए सिलाई का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें कुल 158 बंदियोंं में 138 पुरुष बंदी एवं 20 महिलाएं बंदी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, उक्त प्रशिक्षण के लिए लगने वाले सभी प्रकार के कच्चा माल की आपूर्ति जेल प्रबंधन के द्वारा की जा रही है।
15 से 20 साल की सजा वालों को दिया जा रहा प्रशिक्षण :
जेल उपाधीक्षक मदन कमलेश ने जानकारी देते हुए बताया की प्रशिक्षण उन कैदियों को दी जा रही है। जिसकी सजा कम से कम पंद्रा साल से बीस साल की होती है। जिसमें आईटीआई की 6 शिक्षकों के द्वारा दी जा रही है। वहीं उन्होंने बताया की सभी प्रशिक्षित बंदियों को आईटीआई के माध्यम से रोजगार भी दिया जायेगा। जिससे की वहां बेरोजगार न रह सकें।
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