भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान के क्षेत्र में हो रही नवीनतम खोजों और विकसित हो रही तकनीक को किसान के खेत से जोड़ना जरूरी है। एग्री जीनोमिक्स ऐसा वैज्ञानिक क्षेत्र है, जिससे अधिक उपज, कीट प्रतिरोधक क्षमता और फ सल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। किसानों को अद्यतन वैज्ञानिक जानकारियां उपलब्ध कराने में नंदकुमार सिंह चौहान एनकेसी सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने न्यूक्लियोम इन्फार्मेटिक्स द्वारा हैदराबाद में स्थापित सेंटर का मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद अजय प्रताप सिंह तथा राजेंद्र गेहलोत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजयराघवन, केंद्रीय पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी भी कार्यक्रम में वुर्चअली शामिल हुए। न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स के प्रबंध संचालक दुष्यंत सिंह बघेल ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा इंदौर में एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लैब 165 करोड़ की लागत से स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लैब की स्थापना में राज्य सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
डीएनए विधेयक पारित कराने में नंद कुमार चौहान की रही अहम भूमिका :
मुख्यमंत्री ने निमाड़ क्षेत्र में स्व. नंदकुमार सिंह चौहान द्वारा कृषि के उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके द्वारा संसद में डीएनए विधेयक को पारित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चौहान ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की फसल लगातार खराब हो रही है। इससे किसान बहुत अधिक प्रभावित हैं। एग्री जीनोमिक्स के उपयोग से सोयाबीन की फसल में सुधार के प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।
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