इंदौर। श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुई दुखद घटना को लेकर शनिवार को इंदौर शहर युवा कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस ने सांसद शंकर लालवानी के आवास का घेराव कर कफन भेंट करने की कोशिश की। सुबह से ही सैकड़ों युवक कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हो गए थे। पलसिया स्थित सांसद घेराव करते हुए कार्यकर्ता हाथ में कफन लेकर भेंट करना चाहते थे, साथ ही उनके इस्तीफे की मांग की।
कार्यकर्ताओं पर किया बल प्रयोग
सुबह से ही पुलिस ने सांसद आवास को छावनी बना दिया था। पुलिस रास्ते दोनों तरफ से बंद करते हुए घेराव करने आए कार्यकर्ता पर बल प्रयोग करते हुए कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सरफराज अंसारी, अनुकूल अवस्थी सहित सभी विधानसभा अध्यक्ष अनिकेत परिहार, नितिन पांचाल, अनमोल ढोली आदि शामिल थे।
सस्पेंशन और एफआईआर वाले अधिकारी ही दोषी हैं क्या?
युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव सरफराज अंसारी और शहर कार्यवाहक अध्यक्ष स्वप्निल कांबले ने बताया शहर के 36 बाशिंदों की जान बावड़ी में गिरने से चली गई। पुलिस ने मंदिर के ट्रस्टी और सचिव के खिलाफ केस दर्ज किया है, इधर नगर निगम ने भी दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया। क्या असल दोषी यह लोग हैं? जिन पर सस्पेंशन और एफआईआर की कार्रवाई हुई है, नहीं, सरफराज अंसारी ने बताया कि इस पूरे कांड की जड़ में अगर जाया जाए तो शहर के सांसद शंकर लालवानी पूरे घटनाक्रम के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार है, क्योंकि यहां के अवैध निर्माण को संरक्षण इन्हीं ने दिया है।
क्षेत्रीय रहवासियों के आक्रोश के बावजूद कार्रवाई नहीं होने दी। यह इस बात से भी जाहिर हो जाता है कि जब सिंधी समाज के 20 से ज्यादा लोगों की चिताएं जली और उन्हीं के समाज से आने वाले शहर के सांसद शंकर लालवानी भोपाल में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए थे। जबकि उन्हें दुख में डूबे परिवार वालों के साथ होना चाहिए था।
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