साइबर क्राइम करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

Indore : साइबर क्राइम करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा

इंदौर पुलिस ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सकेगा। यदि वे कही अपराध करेंगे तो तत्काल उनकी पहचान हो जाएगी और इन्हें आसानी से दबौचा जा सकेगा।

Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना के कहर ने शहर वासियों को लाक डाउन दिया और लाक डाउन से आन लाइन खरीदी तेजी से बढ़ी इसके साथ ही साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़े। अब इंदौर पुलिस ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सकेगा, यदि वे कहीं अपराध करेंगे तो तत्काल उनकी पहचान हो जाएगी और इन्हें आसानी से दबौचा जा सकेगा।

2020 की तुलना में इंदौर में साइबर अपराधों में करीब 20 गुना का इजाफा हुआ है। ये आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालात तो ये हैं कि साइबर सेल, पुलिस की कई अपील करने के बाद भी आम लोग सतर्कता नहीं बरतते हैं। इनाम की लालच हो या फिर केवायसी अपडेट करने के बारे में आने वाला फोन लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं। नौकरी के बहाने भी साइबर क्राइम अब आम बात हो गई है। कंसल्टेंसी कंपनियां अभी तक करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर चुकी हैं, इस तरह के अनेक मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। शहर से कई फर्जी कंपनियां लोगों के लाखों रुपए लेकर फरार हो चुकी हैं। पुलिस हाईटेक तरीके से उनका पता लगा रही है, कुछ सफलता भी मिल रही है।

पता चला है कि इंदौर पुलिस भी भोपाल पुलिस की तर्ज पर साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है, ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यदि कहीं कोई साइबर क्राइम हो तो उसका पता जल्द से जल्द लगाया जाए। इसके तहत जनवरी से अगस्त अंत तक गिरफ्तार साइबर अपराधी की हर जानकारी डोजियर में रहेगी। ऐसे अपराधियों की डोजियर फाइल तैयार की जा रही है इसमें अपराधी का पूरा रिकार्ड दर्ज होगा, उसके अपराध करने का तरीका आदि जानकारी भी रहेगी। इससे ये फायदा होगा कि यदि वह कहीं साइबर क्राइम करेगा तो तत्काल उसकी पहचान हो जाएगी। वैसे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मंशा है कि पूरे प्रदेश में पुलिस को साइबर क्राइम रोकने के लिए साइबर अपराधियों की डोजियर फाइल बनाना चाहिए। डोजियर में ए, बी, सी, डी और ई प्रोफाइल रहेगी। जिनमें अलग-अलग 50 से ज्यादा बिंदुओं पर हर जालसाज की जानकारी दर्ज होगी। उनके ई-मेल, आधार नंबर आदि के जरिए लगातार उनपर निगरानी रखी जाएगी। देश के किसी भी जिले की पुलिस को ऐसे आपराधियों की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। यदि वे दोबारा ऐसे अपराध करते हैं तो उन्हें तत्काल दबौच लिया जाएगा। अब शहर में साइबर क्राइम भी संगठित अपराध की श्रेणी में आ रहा है। कुछ समय पहले तक साइबर क्राइम पर जिला पुलिस का कम फोकस रहता था। ये व्यवस्था लागू होने के बाद देश के किसी भी जिले की पुलिस को इन जालसाजों की जानकारी केवल एक क्लिक पर आसानी से मिल सकेगी।

अलर्ट रहेंगे तो बचेंगे साइबर क्राइम से :

साइबर क्राइम बढ़ने के मामलों से इस बात की चुगली होती है कि अब अपराधी भी हाईटेक हो रहे हैं लेकिन इसके लिए आन लाइन सेवाएं लेने वालों की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है। यदि इंटरनेट का प्रयोग करते समय हम सतर्क रहेंगे को कभी भी साइबर क्राइम का शिकार नहीं होंगे।

साइबर क्राइम से बचने के लिए अलर्ट रहने के संदेश देने के लिए पुलिस, साइबर सेल ही नहीं रिजर्व बैंक भी सक्रिय हैं। टीवी पर भी इस तरह के विज्ञापन आते रहते हैं, लगभग सभी क्षेत्र में सतर्क रहने की अपील की जाती है उसके बाद भी लोग साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं। मात्र फोन के जरिए ही ऐसे लोगों को अपराधी अपना शिकार बना लेते हैं, ऐसे हालातों में यदि ये लोग अलर्ट रहते तो ठगी का शिकार होने से बच जाते। साइबर सेल और पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी करते हैं, जनजागृति अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन इसका जितना असर होना चाहिए उतना असर नहीं दिखता है। अक्सर लापरवाही करने वाले ही साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं जबकि अलर्ट रहने वाले बच जाते हैं।

स्कूली बच्चों को भी करते हैं जागरुक :

स्कूली बच्चों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के साथ, उन्हें सोशल मीडिया पर ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत करवाने के लिए भी पुलिस के प्रयास जारी रहते हैं। स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना के अंतर्गत चयनित शासकीय स्कूलों के बच्चों को पुलिस व शिक्षा विभाग द्वारा उनके व्यक्तित्व विकास, मूल अधिकार एवं नैतिक कर्तव्यों के पालन तथा सामान्य कानूनी प्रावधान की जानकारी सहित उनके सामाजिक उत्थान व उज्जवल भविष्य के लिये विभिन्न प्रकार का इनडोर व आउटडोर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना की नोडल अधिकारी एएसपी (मुख्यालय) मनीषा पाठक सोनी के मार्गदर्शन में शा.उ.मा. विद्यालय हातोद में बच्चों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एसपीसी प्रशिक्षक निरीक्षक राधा जामोद द्वारा बच्चों को योजना का उद्देश्य, लाभ, क्रियान्वयन के तहत उनको किस किस प्रकार का इनडोर व आउटडोर प्रशिक्षण दिया जाएगा आदि बातों की जानकारी दी गई । साथ ही स्कूल के सभी कक्षा के छात्र व छात्राओ को निरीक्षक अनिता देयरवाल द्वारा साइबर अपराध से जागरूता सम्बन्धित जानकारी दी गयी। उप निरीक्षक शिवम ठक्कर द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के दौरान ध्यान रखने वाली सावधानियां, ऑनलाईन गेम खेलते समय किन बातों का ध्यान रखें, स्मार्टफोन की सुरक्षात्मक टेक्नीकल सेटिंग की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी आदि साझा नहीं करने संबंधी आवश्यक बातें बताई। इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य मोर्या, एसपीसी के नोडल शिक्षक विरेन्द्र चौहान एवं स्कूल स्टाफ एवं बच्चे उपस्थित रहे ।

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