छात्र संगठन द्वारा मांग की गई है कि, पटवारी परीक्षा परिणामों की CBI जांच हो। हाइलाइट्स:
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन पटवारी भर्ती में हुए घोटाले के विरोध में प्रदर्शन
विरोध में इंदौर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया गया।
इस दौरान इंदौर कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हुए।
छात्र संगठन द्वारा मांग की गई है कि, पटवारी परीक्षा परिणामों की CBI जांच हो।
छात्र संगठन द्वारा Normalization प्रणाली समाप्त किये जाने की भी मांग की गई है।
NEYU Protest: इंदौर, मध्यप्रदेश। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) द्वारा गुरूवार को इंदौर में पटवारी भर्ती में हुए घोटाले के विरोध में इंदौर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया गया। इस दौरान इंदौर कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हुए। इसे लेकर कांग्रेस के काई नेताओं ने पहले भी ट्वीट कर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की थी। अब छात्र संगठन ने इसे लेकर इंदौर में कलेक्टर कार्यालय के बाहर घेराव किया है। हज़ारों की संख्या में छात्र अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहें हैं। हालांकि गुरूवार को सुबह ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया वार्ता में इन आरोपों को झूठा बताया था।
क्या है छात्रों की मांग:
इस प्रदर्शन में शामिल हुए छत्रों की मांग है कि, व्यापम द्वारा 2020 से लेकर अभी तक जो पटवारी परीक्षाएं हुई है उनकी CBI द्वारा जांच की जाए। छात्र संगठन द्वारा Normalization प्रणाली समाप्त किये जाने की भी मांग की गई है। पटवारी परीक्षा परिणामों को लेकर इंदौर ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी छात्र आंदोलन कर रहें हैं।
गृहमंत्री इसको राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे- NEYU
NEYU (नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन) के,राधे जाट, रंजीत किसानवंशी,सुरेंद्र यादव,सचिन यादव ने बताया कि, व्यापम में बैठे दलालों द्वारा पहले से ही पेपर बेचा जा चुका था जिसके कई सबूत हमारे सामने आए हैं । व्यापम घोटाले को उजागर किए आज इतने दिन हो गए उसके बावजूद भी सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है उल्टे प्रदेश के गृहमंत्री इसको राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे है। हम सारे छात्र चाहते हैं कि, इसकी जांच हो सीबीआई के द्वारा वह दोषियों को उम्रकैद की सजा दी जाए ताकि पुनः मध्यप्रदेश में इस प्रकार का घोटाला करने की कोई हिम्मत ना कर पाए आज हमने पूरे प्रदेश में जिले स्तर पर ज्ञापन का कार्यक्रम रखा था जल्द ही भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
एक ही एग्जाम सेंटर से सारे टॉपर कैसे ?
ESB द्वारा जो टॉप 10 छात्रों की लिस्ट जारी की गई उसमें 7 छात्र वह है जिनका एग्जाम सेंटर NRI कॉलेज ग्वालियर था यहां भाजपा विधायक से संबंधित कॉलेज बताया जा रहा है । जो टॉपर NRI कॉलेज से हैं वह रोल नंबर 2488 7991 से 2488 9693 के बीच आने वाले 17 से छात्रों में से हैं जबकि यहां एग्जाम लगभग 14 लाख लोगों ने दी तो इन 1700 छात्रों में से ही सारे टॉपर कैसे आ गए ?
जो टॉप 10 में आए हैं उनके एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में है सभी सिग्नेचर के राइटिंग सेम है इन्होंने एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में किए हैं जबकि अंग्रेजी के पेपर में पूरे मार्क्स प्राप्त किए हैं। यह कैसे हो सकता है जो अपने सिग्नेचर हिंदी में करें वह व्यक्ति अंग्रेजी के पेपर में पूरे नंबर प्राप्त करें ?
नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस न्यायसंगत नहीं है, परीक्षार्थी के स्क्रीन मार्क्स से 8, 10, 12 मार्क्स तक कम हो गए। साथ ही परीक्षा परिणाम मे स्क्रीन मार्क्स नही दिखाते है ऐसे मे परीक्षार्थी दावा भी नही कर सकता कि उसके मार्क्स इतने कम हो गए।
व्यापम द्वारा गलती से जिन प्रश्नों के गलत उत्तर दे दिए जिन्हे बाद में हटा दिया गया उन्ही गलत विकल्पो का जो व्यापम द्वारा दिए गए इनके द्वारा चयन कैसे किया गया ?उक्त भर्ती, जिस परीक्षा एजेंसी से कराई जा रही है वह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट की हुई है। फिर भी ESB ने इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया। परीक्षा पेपर मे प्रश्न को लेकर सवाल खड़े हुए है कि एक पेपर मे 30-35 प्रश्न गलत है, कुछ के उत्तर गलत है, कुछ ट्रांसलेट गलत है, कुछ डाटा से बाहर है। जब परीक्षा चल रही थी तब ग्वालियर, मुरैना, सागर के कुछ संदिग्ध पकड़ाए थे जो पैसा लेकर थंब क्लोन बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे।
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