इंदौर, मध्यप्रदेश। राज एक्सप्रेस की ओर से यातायात सुधार के लिए ट्रैफिक गिरि मुहिम पूरे शहर भर में चलाई जा रही है। राज एक्सप्रेस इंदौर पुलिस, शहर के एनजीओ, शैक्षणिक संस्थाओं, व्यापारियों, व्यवसायियों, आम नागरिक के साथ मिलकर लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है। इसी कड़ी के तहत शनिवार को चमेली देवी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस में जनजागरुकता अभियान चलाया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र शामिल हुए। उन्होंने युवाओं को ट्रैफिक मित्र अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। साथ ही इंस्टिट्यूशंस के डायरेक्टर जॉय बैनर्जी, पूर्व जनरल सेक्रेटरी, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के संजीव आचार्य, स्टेट प्रेस क्लब के सेक्रेटरी आकाश चौकसे और प्यूराश्योर के मार्केटिंग हेड पीयूष जैन भी उपस्थित थे।
यातायात मित्र अभियान से जोड़ रहे लोगों को :
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा इंदौर पुलिस सड़क हादसों में कमी लाने का लगातार प्रयास कर रही हैं। शहर के आम नागरिकों को जोड़ने के उद्देश्य से इंदौर पुलिस यातायात मित्र अभियान चला रही है। इसके लिए सिटीजन कॉप एप पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता हैं। शहर के ऐसे नागरिक जो यातायात सुधार की व्यवस्था में अपना योगदान देना चाहते हैं वे इसमें शामिल हो सकते हैं। इसमेें हर सप्तााह बेहतर काम करने वाले को सम्मानित भी किया जाएगा। इस तरह के जनअभियान से पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने की पहल कर रही हैं।
शहर को मापने का सबसे बेहतर तरीका है यातायात व्यवस्था :
कमिश्नर मिश्र ने कहा अगले दो माह इंदौर शहर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। प्रवासी सम्मेलन, इन्वेस्टर्स समिट, खेलो इंडिया और जी 20 समिट होना है। किसी शहर को मापने के लिए उसकी यातायात व्यवस्था महत्वपूर्ण रहती हैं। हम सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता हैं, ताकि देश ही नहीं बल्कि दुनिया मेें इंदौर अपनी अलग छबि छोड़ सके।
5 से 6 गुना जान जाती है सड़क दुर्घटना में :
कमिश्नर मिश्र ने बताया देशभर में अन्य घटना के मुकाबले 5 से 6 गुना जान सड़क दुर्घटना में जाती है। इंदौर प्रति व्यक्ति वाहन रखने के मामले में देश के टॉप शहरों में शामिल है। शहर में लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है। इसमें सबसे अधिक दुर्घटना के शिकार 20 से 40 वर्ष की उम्र के हो रहे हैं। हमें आवश्यकता है सबसे पहले जागरुक होने की। हमारी छोटी सी गलती जाने-अनजाने में खुद की या दूसरी की जान ले सकती है। हम खुद तो ट्रैफिक नियमों का पालन करें ही साथ ही अन्य को भी पालन करने के लिए प्रेरित करें।
एक्सीडेंट में मौत का आंकड़ा रहा सबसे कम :
कमिश्नर मिश्र ने बताया यातायात के क्षेत्र में इंदौर लगातार बेहतर कर रहा हैं। हमने शहर के चिंहित 32 चौराहे चिंहित किए, जो हॉट स्पॉट बने हुए थे। कोविड समय में एक्सीडेंट में मौत के मामले में पूरे देश में इंदौर का आंकड़ा सबसे कम रहा। अंत में उन्होंने कहा फ्लायओवर बनने, किसी पद पर भर्ती होने में भले ही समय लगता है, लेकिन नियमों का पालन हम अभी से कर सकते हैं। हमारी छोटी सी पहल अपने, दूसरों के जीवन को खुशियों से भर सकती है।
यह भी हुए शामिल :
राज एक्सप्रेस से विश्वबंधु पाण्डे, एजीएम और आदित्य सिंह चौहान, मार्केटिंग हेड भी शामिल हुए।
जागरुकता से लगेगा हादसों पर ब्रेक : जॉय बैनर्जी
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस इन दिनों सतर्क है। चौक-चौराहे पर पुलिस पूरी मुस्तैदी से वाहन जांच कर रही है। देखा जा रहा है कि अब लोग पहले से ज्यादा ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने लगे हैं। कुछ प्रतिशत लोग अभी भी लापरवाही करते हैं, लेकिन उन्हें ये भी याद रखना चाहिए कि इस हरकत से उनकी जान आफत में आ सकती है। ऐसे लोगों को भी सुधारने के लिए चालान और लाइसेंस निलंबित जैसी कार्रवाई निरंतर की जाना चाहिए। जनता में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकता से ही हादसों पर ब्रेक लगेगा।
नियमों का पालन और सुरक्षा उपकरणों का करें इस्तेमाल : संजीव आचार्य
सड़क दुर्घटना में मौतों का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना है। वहीं लोगों में अभी भी बिना साईड दिए मुड़ जाना, बिना देखे सड़क पार करना और चलते-चलते अचानक ब्रेक लगाने की आदत है। लोगों को भी नियमों का पालन करने तथा सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। हाई-वे पर बड़े वाहनों की तेज गति और ग्रामीण इलाके की सड़क से हाई-वे पर छोटे वाहनों के सीधे आने से दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। अक्सर हादसों में यह बात सामने आती है कि वाहन चालक ट्रैफिक नियम का पालन नहीं कर रहा था। ये भी सच है कि यदि वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगे तो सड़क हादसों में बेहद कमी आ सकती है।
जरा सी लापरवाही बन सकती है जान की दुश्मन : आकाश चौकसे
अगर आप वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करेंगे तो आपकी जिंदगी सुरक्षित है। जरा सी लापरवाही जान की दुश्मन बन सकती है । सुरक्षित वाहन संचालन व जागरूकता ही आपकी जान बचा सकती है। शायद ही कोई दिन बीतता हो जिस दिन सड़क हादसे में लोगों की मौत की खबर सुनने को न मिले। फिर भी इस भयावह स्थिति से उबरने को लेकर हम जागरूक नहीं बन रहे हैं। यही वजह है कि दोपहिया वाहन चलाते या उस पर बैठते समय हम हेलमेट को लेकर फिक्रमंद नहीं होते । नतीजा सामने है । जबकि नियमों का पालन कर हम खुद के साथ-साथ दूसरों की जान भी बचा सकते हैं।
कोहरे में न करें लापरवाही :
ज्यादातर लोग खासकर यंग ऐज के लोगों में, बाइक पर चलते वक्त हेलमेट के प्रयोग को लेकर लापरवाही देखी जाती है, जिसकी वजह से दुर्घटना होने के चांस बने रहते हैं। इससे बचना चाहिए और तय मानक वाले हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों का समय चल रहा है। ऐसे में कोहरा होने की वजह से पहले से सड़क पर चलते वक्त खतरा होता है। ऊपर से काफी लोग इसमें भी तेज रफ्तार में चलते हैं। इससे बचना चाहिये और कोहरे में चलते वक्त धीमी गति से वाहन चलाना चाहिए।
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