राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में एक ओर जहां इंदौर समेत राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमित मामलों से भयावह स्थिति बनी हुई है वहीं प्रशासन द्वारा लॉक डाउन की स्थिति में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है और रोजमर्रा के सामान भी मुहैया करवाई जा रही है। इस बीच ही जनता के रवैए से प्रशासन को झटका लगा है। शुरुआत में करीब चार हजार लोगों ने किराना सामान का ऑर्डर दिया, लेकिन जब निगमकर्मी सामान देने पहुंचे तो अधिकांश लोगों ने यह कहकर लेने से इन्कार कर दिया कि उन्हें लगा था कि यह मुफ्त में दिया जाएगा।
बड़ी संख्या में लोगों ने दिए सामान ऑर्डर
दरअसल, नगर निगम ने जरूरतमंदों के लिए यह व्यवस्था की थी कि लोग निगमकर्मियों को किराना सामान का ऑर्डर दे सकते हैं। यह सुविधा शुरू होते ही बड़ी संख्या में लोगों ने ऑर्डर दिए, लेकिन जब किराना दुकान से उनके घर सामान पहुंचा तो लोगों ने बहाने बनाकर सामान लेने से मना कर दिया।
मानव श्रम, समय के साथ व्यवसायी को हो रहा नुकसान
इस सम्बन्ध में अधिकारियों का कहना है कि इससे मानव श्रम, समय के साथ व्यवसायी को भी नुकसान हो रहा है। उतना समय यदि व्यवसायी, दूसरे सामान को पैक कर उसकी डिलिवरी में लगाते तो हजारों लोगों तक उनकी जरूरत की सामग्री पहुंच जाती। हद तो यह है कि कुछ लोग यह कहते हुए किराना सामान लेने से मना कर रहे हैं कि हमें लगा निगम यह सामान मुफ्त में देगा, इसीलिए ऑर्डर दिया। हमें क्या पता था रुपये देने पड़ेंगे।
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