इंदौर, मध्यप्रदेश। बीते वर्ष लाक डाउन के बाद भी शहर में प्रतिदिन 82 से ज्यादा अपराध हुए। 1 जनवरी से 25 दिसंबर तक 2021 में अपराधों में सबसे अव्वल बाणगंगा थाना रहा। वहां इस अवधि में 1790 केस दर्ज हुए। सबसे कम अपराध क्राइम ब्रांच थाने में 30 दर्ज हुए। इसका कारण ये है कि क्राइम ब्रांच अक्सर जिस इलाके से अपराधियों को पकड़ती है वह उस इलाके के थाने को सौंप दिए जाते हैं। कुछ विशेष मामले ही क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज होते हैं। वैसे थानों के हिसाब से देखा जाए तो सबसे कम अपराध सराफा थाने में 137 दर्ज हुए। सालभर में शहरी इलाके के थानों में 29,694 केस दर्ज हुए।
ड्रग तस्करी से लेकर विधायक पुत्र पर रेप का केस :
बीते वर्ष जनवरी नें क्राइम ब्रांच ने 70 करोड़ की एमडी ड्रग्स पकड़ी। इस ड्रग्स के तार देश के कई अन्य राज्यों में फैले हुए मिले। 6 जनवरी 2021 को क्राइम ब्रांच टीम को मुखबिर की सूचना के बाद नायता मुंडला से सनावदिया डामर रोड किनारे देवगुराडिया पहाड के नीचे तरफ खुला स्थान थाना खुडेल क्षैत्र पर घेराबंदी कर छापा मारा और पांच आरोपी दिनेश अग्रवाल, महालक्ष्मी नगर इंदौर, अक्षय उर्फ चीकू अग्रवाल, महालक्ष्मी नगर, चिमन अग्रवाल, मंदसौर, वेद प्रकाश व्यास, तिरूमालागिरी, हैदराबाद, मांगी बैंकटेश, हैदराबाद को दो कारों की मदद से एमडी (मेफेड्रोन ड्रग्स) की डील करते रंगे हाथों पकडे गए। स्पाट से 70 किलो एमडी कीमत 70 करोड़ एवं नगदी कुल 13,03,650 /- रूपए बरामद किए गए। इसके बाद मामले की इनवेस्टीगेश हुई तो कई ड्रग तस्कर जिसमें महिलाएं भी शामिल थी,पकड़ी गई। इस मामले की जांच अभी भी चल रही है। इसके अलावा बड़नगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर महिला थाने में रेप का केस भी बेहद चर्चित रहा। कांग्रेस दफ्तर में ही काम करने वाली एक युवती की शिकायत पर प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही करण फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित किया गया। लंबे समय बाद महिला थाना और क्राइम ब्रांच की टीम ने इसे गिरफ्तार किया था।
बांग्लादेश बालाओं की खरीद फरोख्त-जिस्म फरोशी :
जिस्म फरोशी के इस कारोबार का खुलासा तब हुआ जब विजयनगर पुलिस ने सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। इसमें सागर जैन और उसके भाई धर्मेंंद्र जैन के बारे में पता चला कि, वे बांग्लादेश से बालाओं को लाकर उनसे जिस्म फरोशी करवाते हैं। पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा बांग्लादेशी बालाओं को उनके देश पहुंचाया। इन भाईयो के बाद इनवेस्टीगेशन में कई दलालों के तार जुड़े मिले। सेक्स रैकेट के सरगना मोमिनुल उर्फ विजय दत्त एवं उसके खास साथी बबलू सरकार इस मामले में मास्टर माइंड निकले। इन आरोपियों ने अपनी गर्ल फ्रेंड और पत्नी के सहयोग से हजारों बांग्लाबालाओं को भारत लाकर दलालों को बेचा। पुलिस के पास कुछ फरार आरोपियों के नाम भी हैं उनकी भी तलाश जारी है। सेक्स रैकेट की छानबीन के दौरान ये भी खुलासा हुआ था कि बार्डर पार करवाने में कई जवानों की भी मिली भगत है। नेशनल एजेंसी को जांच रिपोर्ट भेजकर उन्हें भी बेनकाब करने की कोशिश की जा रही है।
सरगना मोमिनुल उर्फ विजय दत्त बांग्लादेश से आकर यहां बसा और उसने अपने नेटवर्क को देश के कई हिस्सों में फैलाया। पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश किया तो पता चला कि हजारों बांग्ला बालाओं को अवैध रुप से भारत लाकर उनसे जिस्म फरोशी करवाई जा रही है। पूरे देश में ये मामला भी चर्चित हुआ और भारत-बांग्लादेश बार्डर पर तैनात जवान भी संदेह के घेरे में आए। इस मामले में भी अभी इनवेस्टीगेशन जारी है। बांग्लाबालाओं से जिस्म फरोशी करवाने के साथ ही इंदौर की कई होटलों में भी जिस्म फरोशी के अड्डों का भंडाफोड़ हुआ।
शराब सिंडीकेट का पर्दाफाश,शराब माफियाओं पर कार्रवाई :
इंदौर के सत्यसांई चौराहा स्थित सिंडिकेट ऑफिस के सामने कुछ अपराधियों ने शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को सरेआम गोली मार दी ती। अर्जुन ठाकुर की एबी रोड स्थित रघुनाथ पेट्रोल पंप के सामने शराब की दुकान है। इस दुकान को पहले अर्जुन के पिता चलाते थे। लेकिन उनके निधन के बाद से अर्जुन इस दुकान को चला रहा है। इस दुकान को लेकर कई महीनों से शराब सिंडिकेट से संबंधित लोगों से विवाद चल रहा है। इस शराब दुकान की लोकेशन शहर की सबसे अच्छी लोकेशन पर है और यहाँ से रेवेन्यू भी सबसे ज्यादा मिलता है। पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर सतीश भाऊ, हेमू ठाकुर, चिंटू ठाकुर समेत अन्य की भूमिका की जांचपड़ताल भी की थी। पिछले साल शराब ठेकेदारों को करोड़ों का नुकसान हुआ था। पिंटू भाटिया ने इस घाटे की पूर्ति के लिए ही रमेशचंद्र राय और मनोज नामदेव को सिंडिकेट में शामिल किया। सिंडिकेट में 32 अलग-अलग पार्टनर हैं। जिन्होंने 980 करोड़ रुपए में इंदौर जिले का ठेका लिया है। इनमें पिंटू भाटिया 25, रमेश चंद्र राय 25, मनोज नामदेव 11 और अर्जुन ठाकुर 7 प्रतिशत का पार्टनर है। बाकी अन्य छोटे शराब ठेकेदार हैं। जो दो से तीन प्रतिशत की पार्टनरशिप में इस सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने दर्जनों शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया। ये भी बेहद चर्चित मामला रहा। इसमें ग्वालियर के रमेश राय का नाम सुर्खियों में आया था इसके साथ ही कई कुख्यात अपराधी भी इसमें लिप्त रहे।
अवैध संबंधों को लेकर हत्या से लेकर डकैती की वारदातें :
बीते वर्ष अवैध संबंधों को लेकर हत्या के भी एक दर्जन से ज्यादा अपराध सामने आए। इसमें आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके साथ ही भोलाराम उस्ताद मार्ग एवं तेजाजी नगर में हुई डकैती की वारदातें भी सुर्खियों में रही। इन दोनों वारदातों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ। रेप, छेड़छाड़, मोबाइल लूट की भी दर्जनों वारदातें दर्ज की गईं। मिलावट खोरों पर भी उल्लेखनीय कार्रवाई हुई। कोरोना काल के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी करने में बदमाश पीछे नहीं रहे। कई बदमाशों ने तो नकली इंजेक्शन ही बेच दिए। पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले करीब दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर कार्रवाई की। अवैध हथियार के सौदागरों की गिरफ्तारी के साथ ही गांजे की तस्करी करने वालों को भी सलाखों के पीछे किया गया।
कौन से थाने में दर्ज हुए कितने अपराध :
मल्हारगंज - 640
सदरबाजार - 416
एरोड्रम - 709
आजादनगर - 816
तेजाजी नगर - 757
गांधी नगर - 478
राऊ - 789
राजेंद्रनगर - 1076
परदेशीपुरा - 987
एमआईजी - 895
विजयनगर - 1287
लसुड़िया - 1703
खजराना - 1253
कनाड़िया - 758
तिलकनगर - 436
कोतवाली - 330
एमजी रोड - 381
तुकोगंज - 646
संयोगितागंज - 505
पलासिया - 506
छोटी ग्वाल टोली - 161
हीरानगर - 926
बाणगंगा - 1790
जूनी इंदौर - 553
रावजीबाजार - 442
भंवरकुआ - 1031
अन्नपूर्णा - 432
चंदन नगर - 1128
द्वारकापुरी - 770
सराफा - 137
पंढरीनाथ - 159
छत्रीपुरा - 515
क्राइम ब्रांच - 30
महिला थाना - 252
ग्रामीण इलाकों में दर्ज हुए ये केस :
ग्रामीण इलाकों में अपराधों में सबसे अव्वल किशनगंज थाना रहा। ग्रामीण इलाके में प्रतिदिन करीब 17 केस दर्ज किए । यहां पर 915 केस दर्ज हो चुके हैं। ग्रामीण इलाके में बेटमा और सांवेर में हुई सशस्त्र डकैती का भी अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ।
महू - 504
किशनगंज - 915
बेटमा - 789
मानपुर - 486
शिप्रा - 519
सिमरोल - 466
खुडैल - 697
देपालपुर - 438
गौतमपुरा - 232
हातोद - 314
बड़गोंदा - 613
चंद्रावतीगंज - 134
कमिश्नर सिस्टम-अब बदलेंगे शहर के हालात :
6 दिसंबर 2021 को इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया। उसके बाद पुलिस और ज्यादा पावरफुल हो गई। कई अधिकार पुलिस को मिल गए। इसके बाद गुंडे-बदमाशों पर शिकंजा कसने का सिलसिला और तेज हो गया। कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने पदभार सम्हालते ही पुलिस अफसरों की बैठक ली और इंदौर को क्राइम मुक्त शहर बनाने की दिशा में प्रयास करने के निर्दश दिए। उसके तहत पुलिस टीम मैदान में आ गई है। सिस्टम के शुरुआती दौर में कम पुलिस बल होने के बाद भी उल्लेखनीय कार्रवाई हो रही है जिससे गुंडों में दहशत है। शहरवासियों को उम्मीद है कि अब शहर के हालात बदलेंगे और क्राइम कंट्रोल होगा।
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