इंदौर, मध्यप्रदेश। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए इस बार 15160 कुल आवेदन आए, जिसमें से 11049 के आवेदन ही सही पाए गए। लॉटरी 14 जुलाई को खुलेगी और मैसेज द्वारा स्कूलों का आवंटन होगा।
15 जून से आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, पहले यह 30 जून तक थी, फिर चुनाव के कारण बढ़ाकर इसे 5 जुलाई तक कर दिया गया। सत्यापन के लिए 9 जुलाई आखिरी तारीख थी। इंदौर जिले में कुल 15160 लोगों ने आरटीई के तहत अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसमें से सत्यापन के बाद 11049 के आवेदक ही पात्र पाए गए। जबकि इंदौर में 1645 स्कूलों में 12894 सीटें आरक्षित है। अब पात्र छात्रों में से ही रैंडमली लॉटरी खुलेगी। जिनकी लाटरी खुलेगी उन्हें मेसेज भेजे जाएंगे, जिसमें स्कूल का नाम होगा। इसके बाद दूसरा चरण भी जल्द शुरू होगा।
जिला परियोजना अधिकारी अक्षय सिंह राठौर ने बताया कि पिछले साल भी इंदौर जिले में 1652 स्कूल में 12833 सीटें आरक्षित थी। 14369 ने आवेदन किया था और 10848 आवेदक सत्यापन के बाद पात्र पाए गए थे। लॉटरी भी 6706 की खुली थी। जिसमें से 5402 ने एडमिशन लिया था।
हर साल रह जाती है कई सीटें रिक्त :
पिछले कुछ सालों में देखा जा रहा है कि आवेदन तो बहुत होते है, लेकिन सत्यापन के बाद पात्र आवेदकों की संख्या सीटों से भी कम रह जाती है। उसमें से भी लॉटरी आधो की ही खुलती है, और एडमिशन भी सभी लोग नहीं लेते है। ऐसे में अधिकांश स्कूलों में आधी सीटें भी नहीं भर पाती है। कई स्कूलों में नाम मात्र के बच्चे एडमिशन लेते है। पालकों के मनपसंद का स्कूल लॉटरी में नहीं खुलता है तो वे बच्चों का एडमिशन भी नही कराते है।
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