तेंदुए को जू से देवास भेज दिया गया है और वहां आइसोलेशन में ही रखा जाएगा।
तेंदुआ अपना मूल स्वभाव और यादाश्त भूल गया।
डॉक्टरों का मानना है कि तेंदुए का बचना मुश्किल है।
इंदौर। देवास के इकलेरा गांव में मिले बीमार तेंदुए की मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद रविवार देवास वन विभाग की टीम इंदौर से उसे अपने साथ ले गई। विभिन्न जांच के बाद डॉक्टरों का मानना है कि तेंदुए का बचना मुश्किल है। कमला नेहरू प्राणी संग्राहलय प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि तेंदुए को जू से देवास भेज दिया गया है और उसे वहां आइसोलेशन में ही रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार तेंदुआ कैनाइन डिस्टेंपर वायरस संक्रमण से ग्रस्त है। इस वायरस ने तेंदुए के दिमाग पर अटैक किया है, जिससे तेंदुआ अपना मूल स्वभाव और यादाश्त भूल गया।
तेंदुए के स्वाब, ब्लड टेस्ट के सैंपल लेने वाले जबलपुर के विशेषज्ञों ने तेंदुए की मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट इंदौर जू प्रबंधन को भेजी थी। अब उसे देवास में ही ऐसे आइसोलेटेड एरिया में रखा जाएगा, जहां इसका अन्य किसी वन्य जीव से संपर्क नहीं होगा। दरअसल यह वायरस बिल्ली, श्वान, लोमड़ी सहित अन्य जानवर में पाया जाता है और ऐसी आशंका है कि इस तेंदुए ने ऐसी ही वायरस ग्रसित किसी जानवर का शिकार किया, जिससे ये खुद भी पीडि़त हो गया। अब इसे देवास में ही अलग रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि देवास के इकलेरा गांव में तेंदुआ बीमार हालत में ग्रामीणों को मिला था। उस समय लोग उसके साथ सेल्फी ले रहे थे।
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