इंदौर, मध्यप्रदेश। चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में इंदौर का का नगर निकाय श्रेणी में दूसरा स्थान आया है। इस श्रेणी में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पहली बार पुरस्कार घोषित किए गए हैं। पहला पुरस्कार चंडीगढ़ को मिला है। पिछले साल इंदौर जिले को प्रथम पुरस्कार मिला था। जल शक्ति मंत्रालय 17 जून को पुरस्कार का वितरण करेगा। उपराष्ट्रपति स्वयं नई दिल्ली में पुरस्कारों का वितरण करेंगे। इंदौर में साफ़ सफाई को लेकर चलाये गए जन अभियानों के चलते शहर को ये गौरव प्राप्त हुआ है।
इंदौर नगर निगम द्वारा शहर की साफ़ सफाई को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है इसके चलते ये पुरस्कार मिला है। शहर के 80 हजार घरों में भूजल रीचार्ज यूनिट की स्थापना की गयी है। इसके अलावा कुओं के नियमित सफाई, खराब पानी को पुनः उपचार के द्वारा उपयोग में लाने जैसे काम किये जा रहें हैं। शहर में ना केवल स्वछता को लेकर जागरूकता है बल्कि पानी का महत्त्व भी भलीं भांति लोगों को पता है।
इंदौर में जल प्रणाली को कराया गया अतिक्रमण मुक्त :
इंदौर में जलाशयों की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इंदौर में कान्ह और सरस्वती नदी में जिन जलाशयों से पानी पहुंचता था वहां अतिक्रमण था। सरकारी तंत्र के प्रयासों से अतिक्रमण हटा कर दोबारा जल प्रणाली को शुरू किया गया। इसी प्रकार शहर में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये पानी का उपचार कर दोबारा उपयोग में लाया जा रहा है। इन सभी प्रयासों के चलते इंदौर को राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिला है।
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