इंदौर, मध्यप्रदेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव को शहर के लिए यादगार बनाने तथा लोगों को तिरंगे का महत्व समझाने के लिए ज्वाला महिला समिति द्वारा 13 अगस्त को दिव्य शक्तिपीठ में शहर के तीन हजार से अधिक लोग एक साथ सफ़ेद कपड़ों और तिरंगे के रंगों वाली टोपियां पहनकर मानव श्रृंखला के जरिए भारत का नक्शा बनाएंगे। इस स्थिति में सभी लोग एक साथ भारत का राष्ट्रगान गाएंगे। ज्वाला की संस्थापक डॉ. दिव्या गुप्ता ने बताया इस प्रयास के जरिए भौगोलिक आकृति में मानव श्रृंखला बनाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष सांसद शंकर लालवानी होंगे।
डॉ. दिव्या ने बताया इस कार्यक्रम के आयोजन की रुपरेखा बनाने के लिए मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में शहर के विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाएं, एनजीओ और इंडस्ट्री से जुड़े लोग शामिल हुए। मीटिंग के दौरान भी कई संस्थानों ने आयोजन में आने वाले साथियों की संख्या बताई है। आयोजन के लिए हम प्रशासन से सभी जरुरी अनुमति ले ली है साथ ही सभी सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों से भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए निवेदन किया जा रहा है। आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के लिए किसी तरह की आयु सीमा नहीं रखी गई है। आयोजन स्थल पर पार्किंग की व्यवस्था देखने के लिए भी स्वयंसेवी संस्थानों की मदद ली जा रही है। इस दौरान मेडिकल सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
झंडा सहिंता की बात भी होगी
डॉ. दिव्या ने बताया कि कार्यक्रम में आर्मी के नौजवान और ऑफिसर भी शामिल होकर रिकॉर्ड बनाएंगे। आयोजन में श्री रवि अतरोलिया जी झंडा संहिता के बारे में जानकारी देंगे। आयोजन समिति में दिनेश मित्तल, अजय अग्रवाल, जय ककवानी, राजेश बिड़कर, मधुर टेमले, सागर जी शामिल है जो हर कदम पे अपनी पूरी टीम के साथ पूरा सहयोग दे रहे हैं।
बारिश में भी बनेगा रिकॉर्ड
डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि यदि रिकॉर्ड बनाते वक्त भी बारिश हुई तो हम पीछे नहीं हटेंगे, जिस तरह हर मौसम में हमारे सेना के जवान देश की सरहदों की रक्षा करते हैं उसी तरह हम एक दिन अपने सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मानव श्रृंखला बनाकर देश की आकृति में खड़े होंगे और राष्ट्रगान गाएंगे और शहीदों को श्रद्धांजली देंगे।
शहर में हरियाली बढ़ाने का प्रयास
शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाने और शहर में हरियाली को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम के दौरान बीजों से भरे गुब्बारे हवा में छोड़े जायेंगे। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस गुब्बारों में फलों के पौधों के बीज डालें जायेंगे, जिससे यह सीड बॉल्स की तरह काम करेंगे और गुब्बारे जहां भी फूटेंगे, वहां पौधे उगने की संभावना होगी।
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