मकान-दुकान तोड़कर चौड़ी की सड़कों पर फेरीवालों का अवैध कब्जा Ravi Verma - RE
मध्य प्रदेश

Indore : मकान-दुकान तोड़कर चौड़ी की सड़कों पर फेरीवालों का अवैध कब्जा

इंदौर, मध्यप्रदेश : स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम ने पूरे राजबाड़ा क्षेत्र में तोड़-फोड़ मचा रखी है। स्मार्ट सिटी सहित पूरे शहर का यही हाल। विरोध के बाद भी नगर निगम नहींं कर रहा कार्रवाई।

Mumtaz Khan

इंदौर, मध्यप्रदेश। स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम ने पूरे राजबाड़ा क्षेत्र में तोड़-फोड़ मचा रखी हैं। लोगों के वर्षों पुराने मकान-दुकान तोड़कर सड़कें चौड़ी की जा रही है, लेकिन इसका फायदा किसी को नहीं मिल रहा है। हालत यह है कि जैसे ही नई सड़क बनती है, उसके दोनों तरफ फेरीवालों का अवैध कब्जा हो जाता है, जिसे देखकर जिन लोगों की दुकान-मकान टूटे हैं, उनके सीने पर सांप लौटने लगता है।

यह हालत शहर के मध्य क्षेत्र राजबाड़ा की है, जहां चारों तरफ फुटपाथ पर फेरीवालों ने कब्जा किया हुआ है। कुछ माह पूर्व निगम ने इनके खिलाफ अभियान चलाया था और उन्हें यहां से हटा दिया था, लेकिन कुछ नेताओं के विरोध के बाद दोबारा इन्होंने यहां कब्जा जमा लिया है और बेखौफ होकर धंधा कर रहे हैं।

गरीब नहीं, मालदारों का हो रहा भला :

जब भी कोई फेरीवालों का विरोध करता है, तो कुछ लोग इनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हैं कि गरीब दो पैसे कमा लेगा, तो क्या बिगड़ जाएगा। वहीं हकीकत इसके उलटे हैं। फेरीवालों, जिस जगह वो खड़े होकर धंधा करते हैं, उन्हें अच्छा-खासा उसका किराया देना पड़ता है। कुछ फेरीवालों को रोजनदारी पर रखकर सामान बिकवाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह पूरा इलाका ठेकेदारों के कब्जे में है। यह ठेकेदार फेरीवालों से वसूली कर सभी को इसमें से हिस्सा बांटते हैंं। यही कारण है कि यहां भारी ट्रैफिक दबाव के बाद भी इन्हें नहीं हटाया जा रहा है।

सड़क चौड़ीकरण का नहीं मिल रहा लाभ :

ऐसा नहीं है कि ऐसा केवल राजबाड़ा क्षेत्र में हो रहा है। शहर के किसी भी इलाके में जहांं नगर निगम ने सड़क चौड़ी की है, वहां यही हाल है। सड़क चौड़ी तो हो गई, लेकिन उस स्थान पर दुकानदार अपनी दुकान आगे बढ़ाकर समान रख रहे हैं या वाहन पार्किंग हो रहा है। जहां दुकानें नहीं हैं, वहां पर ठेलेवालों और फेरीवालों ने कब्जा कर लिया है। आनंद बाजार, खजराना मुख्य मार्ग, पलासिया की आदर्श रोड जहां रात को निगम की दुकानें के सामने ही पार्किंग बन जाता है। बियाबानी, अन्नपूर्णा सहित पूरे शहर का यही हाल है। सूत्रों का दावा है कि इन सभी ठेले और फेरीवालों के इसके लिए प्रतिदिन 100 से 500 रुपए तक देना पड़ते हैं। जैसी जगह, वैसा पैसा।

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