हाईलाइट्स
दिग्विजय सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में सुनवाई।
कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित।
दिग्विजय सिंह ने दायर की थी याचिका
इंदौर, मध्यप्रदेश। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर पर इंटरनेट पर टिप्पणी के मामले में गुरूवार को इंदौर के कोर्ट में सुनवाई हुई है, जिसका आदेश कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है।
दरअसल, सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के विरुद्ध इंटरनेट पर बोलने के मामले में पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक से ज्यादा थानों में एएफआइआर दर्ज की गई थी जिसके सम्बन्ध में आज नेता दिग्विजय सिंह ने कोर्ट को तर्क दिए है। पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से तर्क रखे गए कि एक ही कृत्य के लिए एक से ज्यादा एफआइआर दर्ज नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता के खिलाफ इंदौर के तुकोगंज पुलिस थाने में इस मामले में 8 जुलाई को एफआइआर दर्ज हुई थी। दूसरे शहरों में इसके बाद एफआइआर दर्ज हुई है, इसलिए उन एफआइआर को निरस्त किया जाए। इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में बहस हुई जिसके बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
यह थी टिप्पणी
दिग्विजय ने ट्विटर पर तस्वीर पोस्ट कर उसमें लिखा था, 'सदाशिव राव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक 'वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड' में स्पष्ट लिखा है। जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें। 95% जनता को भिखारी बना दें उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।
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