तीसरी लहर में भी वैक्सीन नहीं लगा फिर भी कम संक्रमित हुए बच्चे Social Media
मध्य प्रदेश

Indore : तीसरी लहर में भी वैक्सीन नहीं लगा फिर भी कम संक्रमित हुए बच्चे

इंदौर, मध्यप्रदेश : 45 हजार 856 में से मात्र 3 हजार 684 ही हुए पॉजिटिव। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते ज्यादातर बच्चों होम आइसोलेशन में ही हो गए स्वस्थ।

Author : Mumtaz Khan

इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना की तीसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इसकी शुरुआत जनवरी से हुई और इसका पीक भी जनवरी माह में आया। जनवरी माह में 45 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए। इसमें 15 वर्ष से कम उम्र के आयु के करीब साढ़े तीन हजार बच्चे संक्रमित हुए। बड़ी बात यह रही कि इन बच्चों को कोविड का कोई वैक्सीन नहीं लगा, फिर भी बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते इन्होंने कोरोना को मात दे दी। वहीं बड़ी बात यह रही कि ज्यादातर पॉजिटिव बच्चों ने होम आइसोलेशन यानि घरों में ही रहकर कोरोना को मात दे दी। वहीं तीसरी लहर में कुल मौतों में बच्चों की संख्या पर नजर डाली जाए, तो मात्र एक 4 माह की बच्ची की कोरोना से मौत हुई है, जो जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी।

मात्र 8.03 प्रतिशत बच्चे ही हुए संक्रमित :

1 जनवरी को शहर में 80 कोरोना संक्रमित एक दिन में मिले थे। इसके बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ता गया और 3 हजार के पार पहुंच गया था। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह में कुल 45 हजार 856 लोग संक्रमित हुए। इनमें 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के मात्र 8.03 ही पॉजिटिव निकले। जिनकी संख्या 5 हजार 684 रही। इनमें 2 हजार 98 बालक और 1 हजार 586 बालिकाएं संक्रमित हुईं। इन बच्चों को कोरोना से बचाव का कोई वैक्सीन नहीं लगा था, क्योंकि 3 जनवरी से जो कोविड टीकाकरण हुआ है, वो 15 वर्ष से अधिक बच्चों का हुआ है। यानि इन बच्चों ने अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता से कोरोना को मात दी है। इसके पूर्व पहली और दूसरी लहर में भी बच्चों का कोरोना बहुत ज्यादा कुछ बिगड़ नहीं पाया था। यही कारण थी कि विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि तीसरी लहर में कोरोना बच्चों के लिए कहर बनकर आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पुरुष अधिक हुए कोरोना का शिकार :

कोरोना की तीसरी लहर के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात भी सामने आई है कि संक्रमित मरीजों के मामले में और शहर में सभी आयु वर्ग में हुई मौतों के मामले में भी पुरुषों की संख्या अधिक है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, 20 वर्ष से कम आयु के लोगों का परीक्षण पॉजिटिव था, लेकिन यह संख्या अन्य आयु समूहों की तुलना में कम है।सौभाग्य से, अन्य आयु समूहों की तुलना में पिछले कुछ महीनों में बच्चे कम संक्रमित हुए। इसके अलावा, उनमें से ज्यादातर होम आइसोलेशन में ठीक हो गए। इसका मतलब यह नहीं है कि माता-पिता इनकी सुरक्षा को कम करें इसके विपरीत उनकी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है क्योंकि अधिकांश वयस्कों को टीका लगाया जा चुका है, जबकि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अब तक वैक्सीन लगना शुरू नहीं हुआ है, इसलिए यादि भविष्य में कोई अन्य वैरिएंट या वर्तमान वैरिएंट ही सक्रिय होते हैं, तो बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। चाचा नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ हेमंत जैन का कहना है हमने देखा है कि कोविड-19 की अंतिम तीन लहरों में लगभग 20 प्रतिशत बच्चे प्रभावित हुए हैं और यह संख्या जनवरी में भी समान है। लोगों को अब और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वयस्कों को टीका लगाया जाएगा और जो बचे हुए हैं वे केवल बच्चे हैं।

विभिन्न आयु वर्ग में कोविड-19 संक्रमण :

कोरोना की तीसरी लहर के जनवरी माह के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 0 से 15 माह के 2 हजार 98 बालक और 1 हजार 586 बालिकाएं सहित कुल 3 हजार 684 पाजिटिव हुए हैं। इसी प्रकार 16 से 20 वर्ष वर्ग में 1878 पुरुष, 1364 महिला, कुल 3242। 21-40 वर्ष में 13497 पुरुष, 9162 महिला, कुल 22659। 41-60 वर्ष में 6963 पुरुष, 4691 महिला, कुल 11654। 61-80 आयु वर्ग में 2641 पुरुष, 1629 महिलाएं, कुल 4270। 80 आयु वर्ष में 211 पुरुष और 136 महिला सहित कुल 347 पॉजिटिव निकले। इस प्रकार कुल 27 हजार 288 पुरुष, 18 हजार 568 महिला सहित कुल 45 हजार 856 लोग संक्रमित हुए।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT