6 और कौवे मृत मिले, 4 हजार लोगों का हुआ सर्वे Social Media
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इंदौर : 6 और कौवे मृत मिले, 4 हजार लोगों का हुआ सर्वे

इंदौर, मध्य प्रदेश : चिड़ियाघर के साथ ही अन्य स्थानों पर भी रखी जा रही नजर। जू में दवाओं का हो रहा छिड़काव, पक्षियों को पिलाई जा रही दवा।

Author : Mumtaz Khan

इंदौर, मध्य प्रदेश। डेली कॉलेज परिसर में लगातार मृत कौवों का मिलना जारी है। सोमवार को भी यहां 6 कौवे मृत मिले हैं। इस प्रकार यहां मरने वाले कौवों की संख्या 150 से अधिक हो गई है। 29 दिसंबर को मिले मृत कौवों के सेंपल भोपाल भेजे गए थे, इसमें से 2 कौवों में एच-5एन-8 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से डेली कॉलेज से सटे 5 किमी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे शुरू किया गया था।

सीएमएचओ डॉ. पूर्मिणा गाडरिया के मुताबिक सोमवार को टीम ने 1 हजार 24 घरों का सर्वे किया है। इन घरों में करीब 4 हजार लोगों की जानकारी ली गई। इनमें से किसी में भी बर्ड फ्लू सहित सर्दी-खांसी के लक्षण नहीं मिले हैं। विभाग द्वारा लगातार सर्वे का कार्य जारी रहेगा और यदि किसी में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलते हैं, तो उसका सेंपल जांच के लिए लिया जाएगा।

चिड़ियाघर में शुरू हुआ दवा का छिड़काव :

एक और डेली कॉलेज से सटे 5 किमी क्षेत्र में रहवासियों का सर्वे किया जा रहा हैं, वहीं चिडिय़ाघर को भी सर्विलांस एरिया मानते हुए दवाइयों का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। यहां पर सुबह-शाम पक्षियों के पिंजरे, जालियों सहित मुख्य स्थानों पर एंटी वायरल ड्रग का भी स्प्रे करवाया जा रहा है। जू प्रबंधन तो हाई अलर्ट पर है। यहां दवाओं के छिड़काव के साथ ही बीमार पक्षियों का तत्काल इलाज किया जा रहा है। आसपास के पेड़ों के पास कर्मचारियों को भी तैनात कर दिया गया है, जिससे वे बाहरी पक्षियों को पेड़ पर बैठने से रोक सकें। इसके अलावा मृत पक्षियों का भी प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जू प्रभारी डॉक्टर उत्तम यादव ने बताया कि चिड़ियाघर में बड़ी संख्या में पक्षी मौजूद हैं। जो बर्ड फ्लू वायरस डेली कॉलेज परिसर में मिला है। उस कारण हमारी टीम सतर्कता बनाए हुए हैं। वायरस की जानकारी मिलते ही प्राणी संग्रहालय को लगातार सैनिटाइज करवाया जा रहा है। सुबह-शाम अलग-अलग दवाई का छिड़काव हो रहा है। पक्षियों के खाने में भी इम्यूनाल मिलाया जा रहा है, जिससे इनकी प्रतिरोधक क्षमता मैं बढ़ोतरी हो सके। हमारे सारे पक्षी सुरक्षित हैं और किसी भी तरह का कोई संक्रमण फिलहाल नहीं है।

चिड़ियाघर में शुरू हुआ दवा का छिड़काव

पोल्ट्री फार्म पर विशेष नजर :

शहर के अंदर और आसपास बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म हैं। इन पर भी वेटनरी विभाग द्वारा नजर रखी जा रही है। सबसे 'यादा खतरा पोल्ट्री फार्म से ही है, क्योंकि यह सीधे तौर से मनुष्यों से जुड़े हैं और बड़ी संख्या में लोग चिकन और अंडे का सेवन करते हैं। यदि पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू दस्तक दे देता है, तो बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। इसको लेकर पोल्ट्री फार्म व्यवसायी खासे सतर्क भी हैं और परेशान भी, क्योंकि यदि पोल्ट्री फार्म में पलने वाले ब्रायलर या मीनर मुर्गा-मुर्गी में थोड़ा भी असर होता है, तो लोग इनका सेवन करना छोड़ देंगे और इसका खामियाजा इन्हें भुगतना होगा, क्योंकि ऐसा होता है, तो करोड़ों का नुकसान होगा, इसलिए पोल्ट्री फार्म में भी मुर्गा-मुर्गी को इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवा देना शुरू कर दिया है और विशेष सतर्कता रखी जा रही है। सोमवार को डेली कॉलेज के आसपास मुर्गे-मुर्गियों की दुकानों से 40 सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।

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