ऐसे 2 लाख लोग, जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Indore : ऐसे 2 लाख लोग, जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया

इंदौर, मध्यप्रदेश : जिले में ऐसे करीब 2 लाख लोग हैं, जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज तो लगवा लिया था, लेकिन तरीख निकलने के बाद भी दूसरा डोज अब तक नहीं लगाया है।

Author : राज एक्सप्रेस

इंदौर, मध्यप्रदेश। जिले में ऐसे करीब 2 लाख लोग हैं, जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज तो लगवा लिया था, लेकिन तरीख निकलने के बाद भी दूसरा डोज अब तक नहीं लगाया है। टीकाकरण महाअभियान के दौरान जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को वैक्सीन के पहले डोज के लिए जिस प्रकार से प्रेरित किया था, वह दूसरे डोज के लिए प्रेरित नहीं कर पाया है।

इंदौर के नाम एक दिन में सबसे अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करने का रिकार्ड है और लक्षित आबादी का 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक भी लग चुकी है, लेकिन दूसरी खुराक में पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है।

जिम्मेदारों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि वे लोगों को दूसरा डोज लेने के लिए केवल 26 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल कर पाए हैं। शहर में कुल लक्षित जनसंख्या 28 लाख 7 हजार 558 है और 25 लाख 25 हजार 508 लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है, जबकि 6 लाख 55 हजार 563 लोगों ने दूसरी खुराक ली है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता के मुताबिक करीब 2 लाख लोग अपनी नियत तारीख बीत जाने के बाद भी वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने से कतरा रहे हैं। इनमें लगभग 70 हजार लोग शामिल हैं जिन्हें कोवैक्सिन की पहली खुराक ली थी और शेष वे लोग हैं जिन्होंने कोविशील्ड लिया था। डॉ. गुप्ता ने लोगों से कोविड-19 के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी प्राप्त करने के लिए अपना वैक्सीनेशन का डोज पूरा करने की अपील की, क्योंकि एक खुराक से बीमारी से लडऩे की इम्यूनिटी नहीं आएगी। बहुत से लोग मानते हैं कि पहली खुराक लेने से वे सुरक्षित हैं,जो सही नहीं है। लोगों को बेहतर इम्यू्निटी प्राप्त करने के साथ-साथ कोविड-19 की तीसरी लहर को रोकने के लिए टीके की दोनों खुराक लेना जरूरी है। अन्य कारणों के बारे में बात करते हुए, डॉ. गुप्ता ने बताया कि मौसम के कारण भी लोग वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने से कतरा रहे हैं। वहीं अब स्लॉट बुकिंग और वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ भी एक बड़ा कारण है।

कोवैक्सीन का पहला डोज नहीं लगेगा :

बहुत से ऐसे लोग है, जो कोविशील्ड के स्थान पर कोवैक्सीन लगवाना चाह रहे हैं, लेकिन इन्हें निराशा हाथ लगेगी, क्योंकि कोवैक्सीन केवल उन्हें ही लगाया जा रहाहै, जिन्हे इसका पहला डोज लगाया गया था। पहले डोज के रूप में कोवैक्सीन लगाने की मनाही कर दी गई है और इसके लिए मुख्यालय से वैक्सीन भी अलाट नहीं किया जा रहा है। इसलिए जिन्होंने अब तक कोवैक्सीन के इंतजार में पहला डोज नहीं लगाया है, उन्हें निराशा हाथ लगेगी। सूत्रों के अनुसार, इंदौर में स्वास्थ्य विभाग के पास लगभग 1 लाख कोवैक्सिन की खुराक स्टॉक में है और अन्य जिलों में भी यही स्थिति है लेकिन कोवैक्सिन की पहली खुराक किसी भी सरकारी साइट पर उपलब्ध नहीं है। विभाग ने अधिकारियों को कोवैक्सिन की दूसरी खुराक देने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है ताकि उन लोगों का टीकाकरण पूरा किया जा सके जिन्होंने इसकी पहली खुराक ले ली है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र से कोवैक्सिन की आपूर्ति अनिश्चित है, जिसके कारण राज्य अभी पहली खुराक देने का जोखिम नहीं उठाना चाहता है।

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