मध्यप्रदेश। प्रदेश से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मानवता को शर्मसार दिया है। यहां एक व्यक्ति को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा, क्योंकि जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एंबुलेंस अथवा शववाहन देने से इनकार कर दिया था।
पीड़ित परिवार का आरोप
इस मामले में पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की, लेकिन प्रबंधन ने वाहन देने से इनकार कर दिया, इन हालात में बच्चे के पिता ने नवजात का शव थैले में रखा और बस स्टैंड की ओर चल पड़ा। वह यहां से बस में सवार होकर डिंडौरी पहुंचा। इस घटना से जुड़ी तस्वीर भी सामने आई हैं, जिसके बाद से यह घटना सिस्टम की कार्य प्रणाली पर अनेक सवाल खड़े करती हैं। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
एमपी कांग्रेस ने किया ट्वीट :
इस घटना को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- "शिव'राज में फिर मानवता हुई शर्मसार : जबलपुर हॉस्पिटल में बच्चे की मौत के मौत के बाद नहीं मिली एम्बुलेंस, परिजन थैले में बच्चे का शव लेकर बस से डिंडौरी पहुंचे। डिंडौरी से जबलपुर रिफर किया गया था बच्चा। शिवराज जी, थोड़ी सी भी शर्म बाकी है"
क्या है पूरा मामला:
एक तो बेटे की मौत, ऊपर से एंबुलेंस भी नहीं...बता दें, पीड़ित परिवार डिंडौरी के सहजपुरी का निवासी है वहां सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी मरावी ने जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था बीमारी और कमजोरी की वजह से नवजात को डॉक्टरों ने जबलपुर रेफर किया, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 15 जून को इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई थी ऐसे में व्यक्ति ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की, लेकिन प्रबंधन ने वाहन देने से मना कर दिया। ऐसे उसने नवजात का शव थैले में रखा और बस स्टैंड की ओर चल पड़ा। यहां से बस में सवार होकर डिंडौरी पहुंचा।
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