भोपाल, मध्यप्रदेश। अप्रैल माह में भिण्ड जिले में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा बनाई गई पांच सदस्यीय टीम ने इसके लिए पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से आने वाली अवैध शराब को वजह माना है और पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध कारोबार हो रहा है। उक्त जानकारी बुधवार को समिति के सदस्य पूर्व मंत्री रामनिवास रावत एवं डॉ गोविंद सिंह ने पत्रकार वार्ता के दारैान दी।
नेताद्वय ने बताया कि राज्य सरकार एक ओर जहां प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए कृत संकल्पित है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मार्च 2020 के बाद से अब तक लगभग 70 लोगों की मृत्यु अवैध/जहरीली शराब से हो चुकी है। पुलिस और आबकारी विभाग का अमला शराब माफियाओंं से मिला हुआ है जिसके चलते शराब माफिया के हौंसले बुलंद हैं, जिसके परिणाम स्वरूप मार्च 2021 के अंतिम सप्ताह एवं अप्रैल 2021 के प्रथम सप्ताह में भिण्ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र एवं भिण्ड तथा ग्वालियर में अवैध, जहरीली शराब के पीने से लहार में 07, भिण्ड में 02 एवं ग्वालियर में 02 व्यक्तियों की मौत हो गई।
समिति के एक सदस्य प्रवीण पाठक कोरोना की वजह से नहीं आ पाए। समिति के शेष चार सदस्य डॉ गोविन्द सिंह, पूर्व मंत्री, लाखनसिंह यादव, पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, कार्यकारी अध्यक्ष, मप्र कांग्रेस कमेटी एवं अशोकसिंह, जिला अध्यक्ष ग्रामीण ग्वालियर ने दिनांक 04 अप्रैल को लहार विधानसभा क्षेत्र में अवैध/जहरीली शराब से हुई मृत्यु की जांच के लिए मृतकों के परिजनों एवं ग्रामीणों से मुलाकात कर वस्तुस्थिति प्राप्त की। समिति को उन्होंने बताया कि अवैध/जहरीली शराब का कारोबार काफी लम्बे समय से चल रहा है। ये नकली अवैध जहरीली शराब लहार क्षेत्र से लगी उत्तरप्रदेश की सीमा से आती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि मध्यप्रदेश में शराब की कीमत के मुकाबले उत्तरप्रदेश में कीमतें कम होने से अवैध शराब का कारोबार पुलिस एवं आबकारी विभाग के अमले की मिलीभगत से संचालित है।
समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उक्त घटनाओं के लिए :
प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में देशीविदेशी शराब की कीमतें समान एवं व्यवहारिक हों।
अवैध शराब बनाने पर दस साल से लेकर उम्र कैद की सजा का प्रावधान हो।
शराब के साथ जहरीले या हानिकारक पदार्थ मिलाने पर मृत्युदण्ड का प्रावधान हो।
शराब के प्रचार.प्रसार पर प्रतिबंध लगाया जाए।
प्रदेश को नशामुक्त बनाने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाए एवं पंजीकृत अवैध नशामुक्ति संस्थाएं जो कि कागजों पर ही संचालित हैं कि जांच कराकर कार्यवाही की जाए।
प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए व्यापक रूप से जनजागरण अभियान चलाया जाए।
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