फीस न भर पाने के कारण बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठाया तो होगी कार्रवाई Social Media
मध्य प्रदेश

फीस न भर पाने के कारण बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठाया तो होगी कार्रवाई

भोपाल, मध्यप्रदेश : कोरोना के संकट काल में जो बच्चे फीस नहीं भर पाए उन्हें प्राइवेट स्कूल के संचालकों को परीक्षा में बैठाना होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह ने सोमवार को सदन में इसकी घोषणा की।

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना के संकट काल में जो बच्चे फीस नहीं भर पाए उन्हें प्राइवेट स्कूल के संचालकों को परीक्षा में बैठाना होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सोमवार को सदन में इसकी घोषणा की। दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बोल चुके हैं कि फीस राशि न भर पाने के कारण कोई भी बच्चा परीक्षा देने से वंचित नहीं हो पाएगा।

सोमवार को प्रश्नकाल में विधायक बहादुर सिंह चौहान ने अपने विधानसभा क्षेत्र मैं अभिभावकों की पीड़ा से संबंधित मामला उठाया था। इस दौरान एक बार फिर पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तरुण भनोट ने आसंदी के समक्ष उन बच्चों की समस्या उठाई जो फीस नहीं भर पाए। विधायक संजय शाह ने भी इस बात को सदन में रखा कि कारपोरेट का रूप लिए बड़े प्राइवेट स्कूल बच्चों के अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए परेशान कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कोरोना के संकट काल में जिन प्राइवेट स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई करवाई है। उन्हें मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सिर्फ ट्यूशन फीस लेना होगी। मंत्री ने कहा कि पहले भी कलेक्टर को पत्र लिखा गया है कि अगर स्कूलों के संचालक जबरन किसी अभिभावक पर फीस भरने का दबाव बनाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई ही बच्चा परीक्षा से वंचित नहीं हो पाएगा। मंत्री ने कहा कि एक बार फिर कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा।

गलत मान्यता देने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई :

उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जय मां वैष्णो कान्वेंट स्कूल झारडा एवं भारतीय माध्यमिक विद्यालय बनबना को गलत मान्यता देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। इससे संबंधित मामला विधायक बहादुर सिंह चौहान ने उठाया था। विधायक का आरोप था कि मां वैष्णो कान्वेंट स्कूल तो ठीक पेट्रोल पंप के बाजू में है। विधायक का आरोप था कि अधिकारियों ने गलत स्थल निरीक्षण कर मान्यता प्रदान की है। उन्होंने मंत्री से यह भी पूछा कि ऐसे अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही हो जाएगी। जवाब में शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि अगर अधिकारियों ने गलत मान्यता दी है तो नियम प्रक्रिया के तहत उन पर कार्रवाई होगी।

पहली बार विधानसभा में दो विधायकों ने वर्चुअल किए प्रश्न :

कोरोना संकट को लेकर विधानसभा में शुरू की गई वर्चुअल व्यवस्था की पहली प्रक्रिया सोमवार को प्रश्नकाल में अपनाई गई। विधानसभा की वर्चुअल कार्रवाई में दो विधायक मंडला जिले से शामिल हुए। सबसे पहले विधायक नारायण सिंह पट्टा ने मंडला जिले के अंतर्गत एकलव्य आदर्श विद्यालय सिहोरा में व्याख्याता अजय शर्मा की पदस्थापना का मामला उठाया। विधायक का आरोप था कि जब यहां व्यवसायिक पाठ्यक्रम ही नहीं है तो आखिर इस व्याख्याता को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व कैसे दिया गया। उन्होंने सवाल यह भी किया कि जिन अधिकारियों ने व्याख्याता को प्रभारी प्राचार्य बनाया है उन पर क्या कार्रवाई होगी। जवाब में जनजातीय मंत्री मीना सिंह ने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में है। विभाग द्वारा हाईकोर्ट से स्थगन वेकेंट कराने की कार्रवाई की जा रही है। मंत्री ने भरोसा भी दिया कि इस मामले की पूरी जांच करवाएंगे। विधायक अशोक मर्सकोले ने मंडला जिले से ही बस्ती विकास योजना के तहत प्रश्न का जो जवाब मिला उस पर असंतुष्टि जाहिर की।

विधायक का कहना था कि बस्ती विकास योजना से संबंधित समिति बनती है उसमें विधायक अध्यक्ष होता है लेकिन मंडला जिले में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। जनजाति मंत्री मीना सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। इस वर्चुअल व्यवस्था को लेकर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद ज्ञापित किया लेकिन यह भी कहा कि सदन में जो परंपराएं चली आई हैं वही यथावत रहे तो बेहतर होगा। वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक गोविंद सिंह ने कहा कि सदन की मर्यादा बनी रहनी चाहिए। विधानसभा की कार्यवाही में ऑनलाइन सम्मलित होने वाले दोनों ही विधायकों ने कहा कि वह मंगलवार से सदन में मौजूद रहेंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT