भोपाल। दुनिया में किसी भी देश के शहर में बाइक या कार चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट की जरूरत होती है। आमतौर पर विदेशों में नौकरी, पढ़ाई आदि के लिए जाने वाले लोग आरटीओ से आईडीपी बनवाते हैं। आरटीओ अफसरों के मुताबिक अमेरिका, इंग्लैंड और अन्य यूरोपीय देशों के अलावा सबसे ज्यादा इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट खाड़ी देशों जैसे दुबई, शारजाह, कतर आदि के लिए राजधानी के आरटीओ दफ्तर से बन रहे हैं, इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भोपाल और आसपास के शहरों से बड़ी संख्या में लोग अरब और खाड़ी देशों में नौकरी करने जाते हैं। कोरोनाकाल में आईडीपी बनने की रफ्तार काफी कम हो गई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद एक बार फिर लोग आईडीपी बनवाने के लिए आरटीओ आ रहे हैं। हर महीने करीब 5 से 10 आवेदन आईडीपी के लिए पहुंच रहे हैं, क्यों कि कई देशों में वाहन चलाने के पहले उस देश की स्थानीय संस्थाएं वाहन चालक का टेस्ट लेतीं हैं और वाहन चालक के लिए आईडीपी जरूरी होता है।
2018-19- 831
2019-20- 778
2020-21-148
2021-2022-664
2021-22- करीब 200 अभी तक
आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक साल 18-19 में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट भोपाल आरटीओ से जारी हुए थे। लेकिन साल 2020 और 21 में कोरोना के चलते इंटरनेशल उड़ाने बंद होने की वजह से इनकी संख्या काफी कम हो गई थी। लेकिन अब बीते एक साल में यह फिर से अपने पुराने स्तर पर आग गई है। कोरोना से पहले हर साल भोपाल से 5 सौ से ज्यादा आईडीपी हर साल बनते थे।
आरटीओ में आईडीपी बनवाने की फीस करीब 1074 रुपये है। परिवहन विभाग की तरफ से जारी होने वाले इस ड्रायविंग परमिट की वैद्यता 1 साल की होती है। जिसके बाद इसे रीन्यू करवाना होता है।
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