होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। नगर पालिका भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी है प्रधानमंत्री आवास से लेकर पेयजल योजना और विभिन्न हितग्राही परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पार करने के कारण नगरपालिका के कर्ताधर्ताओं को समय से पहले पद छोड़ना पड़ा है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार का खामियाजा नगर की जनता के साथ-साथ नगर पालिका के कर्मचारी भी भोग रहे हैं। कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं देना, साप्ताहिक अवकाश नहीं देना और श्रम कानूनों को ताक पर रखकर नियत समय से ज्यादा समय तक काम करवाना नगरपालिका में आबाद रहा है, जिसके कारण कर्मचारी बहुत ज्यादा परेशान रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अफसरों के साथ मिलीभगत के चलते नपा कर्मचारियों ने जमकर चांदी काटी है। नपा मजदूर कर्मचारी संघ ने नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक शिकायतें दर्ज की हैं।
नपा कर्मचारी मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष महेश वर्मा ने बताया कि मजदूर संघ की बात राजनैतिक दलों के आका व प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री तक यह पहुंचा चुके हैं। वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक नगरपालिका होशंगाबाद के इतिहास में जो नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षद थे उन पर एकदम सटीक बैठती है क्योंकि सत्ता की लोलुपता में अंधे हुए यह लोग भूल गये हैं कि इनके द्वारा इनके कार्यकाल में जो भ्रष्टाचार के कामों को लेकर अंजाम दिया है, अपने कार्यकाल में सारी सीमायें मर्यादा के विपरीत काम किया है, जिस पर जांचें चलायमान हैं। क्या कारण था कि नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए, समय से पहले शासन ने कुर्सी से हटा दिया। वहीं, दूसरी तरफ राजनैतिक धृर्तराष्ट बने राजनैतिक आकाओं ने प्रदेश स्तर पर इनको पद देकर इनका मनोबल बढ़ाकर पार्टी में गलत संदेश दिया हैं। यह कलंकित भ्रष्टाचारी शर्म हया भूलकर और मिलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उनको नगरपालिका की सत्ता पर चुनाव की समयावधि तक पुन: काबिज किया जावे।
प्रधानमंत्री आवास की राशि वितरण योजना, अमृत पेयजल योजना में डाली गई पाइप लाइन, उपयोग में आने वाली घटिया सामग्री, पाइल लाइन बिछाने का बेस, सड़क खुदाई मरम्मत के नाम पर सुधार को लेकर की गई लीपापोती, सडक, नाली, भवन, पानी की टकीं जैसे निर्माण कार्य, शहर विकास व सफाई को लेकर क्रय किये गये वाहन उपकरण, विद्युत इत्यादि में भ्रष्टाचार की सारी सीमायें लांघकर काम किया गया हैं। कर्मचारियों के विरोध में क्षमता से अधिक कार्य लेना, साप्ताहिक अवकाश की सुविधाये बंद करना, धार्मिक पर्वो पर या प्रतिमाह समय पर मासिक वेतनो का भुगतान न करना, जीपीएफ, एनपीएस कर्मचारियों के खातों में जमा न करना, उनकी सेवा समाप्त करने जैसे कर्मचारियों के विरोध में कई शोषण पूर्ण काम किये हैं। भाई भतीजावाद नीति के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना व अन्य आर्थिक योजना व कामो से अपने चहेतो को, रिश्तेदारो, को समर्पित पार्षद गणो को लाभ, अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में दिया गया हैं। भाजपा व कांग्रेस के राजनैतिक दलो से नगरपालिका में चयनित नगरपालिका अध्यक्ष के साथ साथ पार्षद गण थे, सबने एकमत होकर विगत पांच सालो में जनता के द्वारा दिये गये टैक्स, विकास कार्य के नाम पर शासन से चलायमान योजनाओं में प्राप्त धन राशि का दुरूपयोग किया गया हैं। इनके कारण विद्युत कपंनी का लाखो का बिल भुगतान बकाया हैं, कर्मचारियों के भविष्य निधि, एनपीएस के करोड़ो रूपय बकाया हैं, जो कर्मचारियों के खातो में जमा होना हैं।
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