उज्जैन, मध्य प्रदेश। दुनियाभर में महाकाल की नगरी के रूप में पहचान बनाने वाले उज्जैन के महाकाल ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजा करने हर साल करोड़ों लोग पहुंचते हैं। महाकाल मंदिर में महाकाल लोक बनने के बाद लगातार श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन लाखों के पार पहुंच रही है। जिससे गर्भगृह में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की लापरवाही से महाकाल ज्योतिर्लिंग के शिवलिंग को नुकसान पहुंच रहा है। श्रद्धालुओं द्वारा छूने और भस्म रगड़ने से महाकाल ज्योतिर्लिंग का स्वरूप, तो बिगड़ा ही है, साथ ही इसका आकार भी लगातार घट रहा है। महाकाल ज्योतिर्लिंग पर छिद्र बढ़ रहे हैं। ऐसे में गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था यह आदेश:
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आदेश जारी किया था कि, महाकाल ज्योतिर्लिंग में जो जल चढ़ाया जाता है, उसका पीएच भी निर्धारित किया गया था। इसके साथ ही कई सुरक्षा नियमों के पालन करने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी शिवलिंग के क्षरण को लेकर चिंता जताई है। इसके साथ ही गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध करने की सलाह दी है।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कही यह बात:
वहीं, इस बारे में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि, महाकाल मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। शिवलिंग के क्षरण को लेकर पहले एएसआई की रिपोर्ट आई थी। उस रिपोर्ट के आधार पर हम लगातार मॉनिटरिंग करवाते रहते है। शिवलिंग में क्षरण हुआ है, जो कि मौके पर दिखता भी है। कई मंदिरों में गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन किया जाएगा, इन सभी चीजों को ध्यान रखते हुए लोगों की जन भावना, सुप्रीम कोर्ट का आदेश और एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर हम काम करेंगे।
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