भोपाल, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली प्रवास में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री गडकरी से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में भारतमाला परियोजना में बायपास, रिंग रोड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी का मध्यप्रदेश के लिए किए जा रहे सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया। मध्यप्रदेश में विभिन्न कार्यों के लिए निरंतर स्वीकृतियां प्राप्त हो रही हैं। निश्चित ही यह मध्यप्रदेश के लिए सौभाग्य का विषय है। अटल एक्सप्रेस-वे से जुड़े कार्यों की अनेक बाधाएं भी समाप्त की गई हैं, जिससे सभी निर्माण कार्य पूर्ण करने में आसानी होगी। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, मध्यप्रदेश के 50 से अधिक नगरीय क्षेत्रों से गुजरने वाले विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों के बायपास निर्माण से आर्थिक प्रगति होगी। इसके साथ ही ग्वालियर चंबल क्षेत्र से गुजरने वाला 404 किलोमीटर लंबा अटल प्रगति पथ मध्यप्रदेश के विकास को गति देगा। चंबल और ग्वालियर क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में अटल प्रगति पथ (एक्सप्रेस-वे) महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। क्षेत्र के नगरों, कस्बों और छोटे-बड़े सभी ग्रामों की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
सार्थक प्रयास, सार्थक वार्ता
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से मुलाकात के बाद कहा कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र से गुजरने वाला 404 किलोमीटर लंबा अटल प्रगति पथ एक्सप्रेस-वे मप्र के विकास को गति देगा। यह पथ चंबल और ग्वालियर क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। क्षेत्र के नगरों, कस्बों और छोटे-बड़े सभी ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों को दूर किया गया है। सार्थक प्रयासों से बाधाएं दूर करने में सफलता मिल रही है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे और पांच शहरों के रिंग रोड के अलाइनमेन्ट पर भी सार्थक वार्ता हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र के पांच महत्वपूर्ण शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं सागर के रिंग रोड के छूटे हुए हिस्सों को एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूरा कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन रिंग रोड से ओद्योगिक केन्द्र तथा लॉजिस्टिक हब विकसित करना आसान होगा। उन्होंने बताया कि भोपाल शहर का 75 प्रतिशत रिंग रोड निर्मित है। शेष 25 प्रतिशत लम्बाई में मंडीदीप से इंदौर रोड तक रिंग रोड बनाया जाना आवश्यक है। यह प्रस्तावित रिंग रोड एनएच-64 भोपाल-ओबेदुल्लागंज को स्टेट हाई-वे क्रमांक-28 भोपाल-देवास से जोडेग़ी। इसी प्रकार इंदौर शहर की रिंग रोड का आधा हिस्सा पूर्व से मौजूद है। रिंग रोड के पश्चिमी हिस्से की योजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाई गई है। यह प्रस्तावित रिंग रोड एनएच-52 आगरा-मुंबई को जोड़ेगी।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश की हॉरिजेंटल इंडस्ट्रियल बेकबोन :
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन गतिविधियों के विकास की रीढ़ साबित होगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना अमरकंटक कबीर चबूतरा से मप्र-गुजरात सीमा तक बनायी जाना प्रस्तावित है। इसमें प्रदेश के 10 जिले अनुपपूर, डिंडौरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर, देवास, इंदौर, धार और झाबुआ जुड़ेंगे। साथ ही 8 जिलों शहडोल, रीवा, भोपाल, हरदा, खंडवा, खरगौन, बड़वानी एवं अलीराजपुर को फर्दर रूट्स से जोड़ा जाएगा।
कम होंगी शहरों-कस्बों की दूरियां
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कई शहरों से नेशनल हाईवे गुजर रहे थे, मगर अब बायपास बन गए हैं। नेशनल हाइवे का यह दायित्व था कि शहर से गुजर रहे मार्गों को सुगम यातायात योग्य बना दें। नवीन कार्यों के फलस्वरूप कुछ कस्बों और नगरों की परस्पर दूरी भी कम होगी, असुविधाजनक मोड़ भी खत्म किए जाएंगे। निश्चित ही इन सबका प्रत्यक्ष लाभ नागरिकों को प्राप्त होगा। इस संबंध में भी आज बातचीत हुई है। केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सबका ध्यान रखते हुए समस्या को हल करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि भोपाल इंदौर में ऐसे रिंग रोड जिसके पास अर्थिक गतिविधियों शुरू की जा सकें, इस पर भी बातचीत हुई है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग कार्यों के लिए समय-सीमा और गुणवत्ता में काम पूरा किया जाएगा। प्रत्येक कार्य के लिए समयावधि तय की गई है।
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