ग्वालियर, मध्यप्रदेश । जीवाजी विश्वविद्यालय की 6 टीमों ने गुरूवार को 21 बीएड महाविद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महाविद्यालय की व्यवस्थाओं को और रिपोर्ट में नोट किया। शुक्रवार को भी 7 टीमें निरीक्षण के लिए जायेंगी और 25 महाविद्यालयों का निरीक्षण करेंगी। वहीं गुरूवार को निरीक्षण करने गई टीम को कॉलेजों में कई खामियां मिली हैं।
जीविवि द्वारा शासकीय और अशाकीय महाविद्यालयों को बीएड की सम्बद्धता देने के लिए निरीक्षण प्रक्रिश शुरू हो गई है। जेयू की 6 निरीक्षण टीम सुबह 9:30 बजे विश्वविद्यालय से निकलीं। उन्होंने ग्वालियर, भिण्ड और शिवपुरी के शासकीय और अशाकीय बीएड महाविद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम को महाविद्यालयों में कई खामियां मिली हैं। जिन्हें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में नोट कर लिया है।
यह रिपोर्ट स्थाई समिति की बैठक में रखी जायेगी। उसमें ही तय होगा कि किस महाविद्यालय को सम्बद्धता देना है किस को नहीं। यहां बता दें कि बीएड और परम्परागत महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने के लिए निरीक्षण प्रक्रिया अप्रैल माह तक चलेगी। मई में स्थाई समिति की बैठक होगी। उसके बाद ही सम्बद्धता दी जायेगी। वैसे, सम्बद्धता देने के लिए निरीक्षण प्रक्रिया जनवरी माह से शुरू होनी थी, लेकिन नैक विजिट की वजह से निरीक्षण प्रक्रिया में देरी हुई है। जेयू से 204 बीएड कॉलेज सम्बद्ध हैं।
शुक्रवार को 7 टीमें करेंगी 25 कॉलेजों का निरीक्षण
शुक्रवार को जीवाजी विश्वविद्यालय की 7 टीमें 25 बीएड शासकीय और अशाकीय महाविद्यालयों का निरीक्षण करेंगी। यह टीमें भी सुबह 9:30 बजे विवि से रवाना होंगी। यह टीमें भिण्ड, श्योपुर, ग्वालियर और गुना के महाविद्यालयों में जायेंगी।
निरीक्षण टीम को अधिकांश कॉलेजों में मिली यह खामियां
कॉलेजों में कोड 28/17 के अंतर्गत कम नियुक्तियां मिलीं।
लाइब्रेरी में पुस्तकों की संख्या भी न के बराबर मिली।
कॉलेज में लैब तो बनी थी, लेकिन वह धूल खाती मिलीं।
निर्धारित संख्या से स्टाफ भी कम मिला।
शिक्षकों को दिये जाने वाले वेतन की जानकारी नहीं दे पाए।
कई महाविद्यालयों में खेल मैदान सिर्फ नाम का मिला और कहीं नहीं मिला।
एनएसयूआई नेता ने उठाए सवाल
जीवाजी विश्वविद्यालय की निरीक्षण टीम पर एनएसयूआई छात्र नेता वंश महेश्वरी ने सवाल उठाए हैं। वंश का कहना है कि पिछली बार भी निरीक्षण टीम ने आईडीएल, कराहल, रामराजा व रामाकृष्ण महाविद्यालय का भी निरीक्षण किया था। उसमें जब जांच हुई तो कहानी रिपोर्ट से अलग निकली और शासन ने सम्बद्धता निरस्त और कार्रवाई करने के आदेश पारित तक कर दिये थे। उसके बाद भी विवि सम्बद्धता निरस्त नहीं कर सका। निरीक्षण तो एक बहाना है असल में टीम को पैसा कमाना है और जेयू अधिकारियों को देना है।
अवकाश वाले दिन भी होंगे निरीक्षण
इस बार जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारी अवकाश वाले दिन भी निरीक्षण करायेंगे। 7 अप्रैल को शासकीय अवकाश है, लेकिन अवकाश वाले दिन भी जेयू से टीमें रवाना होंगी और कॉलेजों की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगी।
इनका कहना है-
हां, बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने के लिए निरीक्षण प्रक्रिया शुरू हो गई। गुरूवार को 6 टीमों ने 21 महाविद्यालयों का निरीक्षण किया है। शुक्रवार को 7 टीमें 25 महाविद्यालयों का करेंगी।
केशव सिंह गुर्जर, डीसीडीसी जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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