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मध्य प्रदेश

हाई कोर्ट ने बरगी विधायक संजय यादव के विरुद्ध निरस्त की चुनाव याचिका

चुनाव याचिकाकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने समय पर नामांकन भरा ही नहीं था, अत: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-100 (1) (सी) के अंतर्गत गलत तरीके से नामांकन निरस्त करने का आरोप बेबुनियाद है।

Amit Namdeo

जबलपुर,मध्यप्रदेश । हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने बरगी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक संजय यादव के विरुद्ध दायर चुनाव याचिका निरस्त कर दी। जिसके बाद चुनाव याचिकाकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की जानकारी दी है।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि चुनाव याचिकाकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने समय पर नामांकन भरा ही नहीं था, अत: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-100 (1) (सी) के अंतर्गत गलत तरीके से नामांकन निरस्त करने का आरोप बेबुनियाद है। जब नामांकन भरा ही नहीं गया तो यह नहीं कहा जा सकता कि नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया। इसी तरह जिस नामांकन पत्र को दस्तावेज के रूप में चुनाव याचिका के साथ संलग्न किया गया है, उसमें समस्त जानकारी नहीं भरी गई थी, हस्ताक्षर भी नहीं थे। चुनाव याचिका में निर्वाचित विधायक संजय यादव के विरुद्ध अनुचित तरीके से चुनाव में लाभ अर्जित करने का आरोप भी नहीं लगाया गया था। 

यहां तक कि मामले की सुनवाई के दौरान स्वयं चुनाव याचिकाकर्ता ने चुनाव जीतने के लिए संजय यादव द्वारा अनुचित तरीके अपनाने के सवाल को लेकर कोई आरोप नहीं लगाया था। इसके अलावा निर्वाचित विधायक संजय यादव व अन्य प्रत्याशियों को मिले मतों की संख्या के आधार पर भी यह नहीं कहा जा सकता कि यदि चुनाव याचिकाकर्ता का नामांकन स्वीकार हुआ होता तो वह बरगी विधानसभा के चुनाव को विशेष रूप से प्रभावित कर देता। इन तमाम आधारों पर चुनाव याचिका सारहीन पाते हुए निरस्त की जाती है।

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