नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास करने वाला पहुंचा जेल Social Media
मध्य प्रदेश

HighCourt Order : जवाब पेश नहीं करने पर सरकार पर 25 हजार की कॉस्ट

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है।

Amit Namdeo

जबलपुर। कॉलेज संचालाकों से पैरा मेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले की राशि नहीं वसूले जाने के खिलाफ  हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। अंतिम अवसर प्रदान करने के बावजूद भी सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है। याचिका पर अगली सुनवाई 11 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि साल 2009 से 2015 के बीच प्रदेश के सैकडों पैरा मेडिकल कॉलेज ने छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ो रूपये का घोटाला किया था। पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेश दर्शाकर सरकार से करोड़ों रुपए की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त की थी। घोटाले के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा जांच के आदेश दिये गये थे। जांच में घोटाले के आरोप सही पाये गये थे। जिसके बाद सरकार की ओर से उक्त कॉलेज से राशि वसूलने का निर्णय लिया गया था। आवेदक की ओर से कहा गया कि राज्य शासन द्वारा छात्रवृत्ति घोटाले करने वाले कॉलेजों से राशि वसूल किये जाने के संबंध में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रहीं है। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया था कि कई अवसर प्रदान करने के बावजूद भी सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया है।

शासकीय अधिवक्ता के आग्रह पर युगलपीठ ने जवाब पेश करने के लिए अंतिम समय प्रदान किया था। याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 25 हजार की कॉस्ट लगाई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेजा ने पैरवी की।

नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा

जबलपुर। एक नाबालिग  को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाकर उसके साथ गलत काम करने वाले आरोपी को पाक्सो की अदालत ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायधीश ने मामले के आरोपी निकेश कोल उर्फ निक्कू को 20 साल के सश्रम कारावास व तीन हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।

अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि 19 सितंबर 2021 को पीडि़ता की मॉ ने अधारताल थाने में उत्तरजीवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इसके साथ ही संदेह व्यक्त किया था कि उत्तरजीवी को निक्कू कोल बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया होगा और पहले भी उत्तरजीवी निक्कू कोल से बातचीत करती थी। उत्तरजीवी की माता द्वारा लिखाई गई गुमशुदगी रिपोर्ट के आधार पर अधारताल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। इसके बाद पुलिस ने 22 सितंबर 2021 को दस्तयाब करते हुए आवश्यक कार्रवाई कर उसके कथनों के आधार पर आरोपी के खिलाफ पाक्सो व दुराचार सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई दौरान पेश किये गये गवाह व साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने आरोपी निकेश कोल को उक्त सजा से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से एडीपीओं मनीषा दुबे ने पक्ष रखा।

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