हाइलाइट्स :
जिलेवार चिन्हित कर आरएमपी को काउंसिलिंग दी जाएगी
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा कार्ययोजना में शामिल
मंत्री समूह बैठक में दिए गए निर्देश पर अब होगा अमल
भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रमण को रोकथाम के लिए मंत्री समूह की विगत दो जुलाई को हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर ठीक 10 दिन बाद संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा कार्ययोजना तैयार करने की कवायद शुरू की गई है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग की 11 संस्थाओं को पत्र जारी किया गया है। जारी किए गए पत्र के अनुसार सरकारी और निजी अस्पतालों में 13 बिंदुओं पर कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजाम होना है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि कोरोना की तीसरी और सबसे घातक लहर में स्वास्थ्य विभाग रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉक्टर (आरएमपी छोलाछाप डॉक्टरों) को काउंसिलिंग देकर उपयोग करेगा।
बता दें कि दो जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में अस्पताल प्रबंधन एवं समस्त संसाधनों की उपलब्धता विषय पर गठित किए गए मंत्री समूह की बैठक हुई थी, इसमें प्रदेश के सभी सरकार और गैर सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के निपटने के लिए अनेक निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों के अनुसार कार्ययोजना विकसित करना है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को बैठक के निर्देश प्राप्त होने के इस दिन बाद कार्ययोजना विकसित करने के लिए पत्रचार शुरू हुआ है, जबकि अगस्त -सितंबर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर संभावित है।
इन 13 बिंदुओं पर होंगे इंतजाम :
जारी किए गए पत्र के अनुसार सरकारी और निजी अस्पतालों में 13 बिंदुओं पर कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजाम होना है।
इनमें प्रदेश में ग्रामीण स्तर पर कार्य कर रहे आरएमपी डॉक्टरों को जिलेवार चिन्हित कर उन्हें काउंसिलिंग दी जाए।
सभी जिलों के सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वर्टिकल प्लानिंग की जाना रहेगी, जिसमें उक्त चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित के इलाज में लगने वाले समस्त उपकरण, ऑक्सीजन, दवाइयां की उपलब्धता और उनकी मॉनीटरिंग।
वेंटीलेटर एंव ऑक्सीजन की सप्लाई के संचालन में करने वाले मैन पॉवर की जानकारी और उस पर कार्यवाही की जाना है।
सोशल मीडिया पर कोरोना संक्रमण से शिशुओं के ग्रसित होने की दशा में अभिभावकों को प्रशिक्षित किए जाने के लिए व्यवस्था हो।
एम्बूलेंस की उपलब्धता के लिए जारी की गई निविदा प्रक्रिया को जल्दी ही पूर्ण किया जाए।
कोरोना संक्रमण के प्रथम और दूसरे चक्र में अस्थाई रूप से नियोजित मानव संसाधन को भविष्य में विभाग में होने वाली नियुक्तियों में इन्टेन्सिव देने विचार कर कार्यवाही की जाए।
केंद्र सरकार से समस्त दवाइयां के स्टाक के भंडारण के लिए मिलने वाले उपकरणों को जल्दी ही इंस्टॉल किया जाए।
कोविड-19 संक्रमण में एलॉपैथी के अलावा अन्य पैथी से उपचार के लिए चिन्हित करने जुलाई माह में ही बैठक आयोजित की जाए, यह बैठक हर माह होना चाहिए।
सभी पैथी का लाभी जनता को मिले इसके लिए व्यावहारिक कार्ययोजना बनाई जाना है।
सभी जिलों में बैड उन्नयन, ऑक्सीजन प्लाट, पीएसएस प्लाट स्थापना, एलएमओ स्टोरेज क्षमता वृद्धि की जाए।
प्रत्येक अस्पताल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। राज्य में उपस्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय कर वहां मेडिकल अधिकारी पदस्थ किया जाए।
सीटी स्केन, एमआरआई उपकरण सभी जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में लगाए जाए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने पर टेली-मेडिसिन के माध्यम से इलाज करवाएं।
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