ग्वालियर। कांग्रेस का नेतृत्व जो आदेश देता है उसका पालन करने में जिला अध्यक्ष पीछे हटते दिख रहे है, क्योंकि उनको प्रदेश नेतृत्व का उतना भय नहीं है जितना नई कार्यकारिणी बनाने में सता रहा है, क्योकि अगर पुरानी कार्यकारिणी बदली तो बहुत कुछ ऐसा सामने आ सकता है जिससे मुश्किल बढ़ सकती है। बुधवार को शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने दफ्तर में बैठकर मंथन किया, लेकिन कार्यकारिणी वही पुरानी रखने का मन बना रहे है, जबकि कुछ कांग्रेसियो ने कहा कि जब प्रदेश नेतृत्व आदेश कर रहा है तो नई कार्यकारिणी बनानी चाहिए।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देवेन्द्र शर्मा को प्रदेश कांग्रेस ने रिपीट कर पुन: अध्यक्ष बनाएं रखा, लेकिन फरवरी से प्रदेश कांग्रेस उनको रिमांडर भेजकर नई कार्यकारिणी की सूची भेजने का निर्देश दे रही है, लेकिन उन रिमांडरो के बाद भी शहर कांग्रेस अध्यक्ष नई कार्यकारिणी बनाने को तैयार नहीं है। अब इसके पीछे क्या कारण है यह तो नई कार्यकारिणी बनाने पर जब पुराने लोग हटाएं जाएंगे तभी सामने आ सकता है, क्योंकि जो लोग हटाएं जाएगे उसके बाद ही अपना मुंह खोल सकेगे। प्रदेश कांग्रेस ने 25 मार्च तक नई कार्यकारिणी की सूची बनाने का आखिरी रिमांडर कुछ दिन पहले शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पास भेजा था।
बुधवार को कांग्रेस कार्यालय पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष बैठे तो उन्होंने कुछ कांग्रेसियो से इसको लेकर चर्चा की तो अधिकांश कांग्रेसियों का कहना था कि नई कार्यकारिणी बनाना चाहिए, लेकिन उनकी इस बात को सुनने के बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे विवाद बढ़ जाएगा। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या विवाद है जिसका डर शहर कांग्रेस अध्यक्ष को सता रहा है।
कार्यकारिणी पुरानी ही रखना चाहते है अध्यक्ष....
कांग्रेस सूत्रो का कहना है कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष नई कार्यकारिणी बनाने से हिचक रहे है ओर पुरानी कार्यकारिणी ही रखना चाहते है। अब जब पुरानी ही रखना चाहते है तो सूची बनाकर प्रदेश कांग्रेस को भेजने मे देरी क्यों की जा रही है, क्योंकि सूची को फायनल को प्रदेश नेतृत्व ही करेगा। यही कारण है कि सूची में परिवर्तन होने की शंका अध्यक्ष को है जिसके कारण फिलहाल वह सूची बनाने से बचना चाहते है। वैसे तो पुरानी कार्यकारिणी की सूची है उसके अलावा भी कुछ पदाधिकारी बनाएं थे, लेकिन उनके नाम सूची मेंं शामिल नहीं है, तो ऐसा क्या कारण है कि शेष पदाधिकारियो के नाम सूची से गायब है?
332 पदाधिकारी में से एक्टिव 80 फिर बदलने में देरी क्यों.....
कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी में अभी 332 पदाधिकारी है जिसमें से मात्र 80 पदाधिकारी ही ऐसे है जो एक्टिव रहते है। अब जब एक्टिव पदाधिकारी नहीं है तो फि र उनको हटाकर नए लोगों को जोड़ने में क्या दिक्कत आ रही है इसको लेकर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। बुधवार को दफ्तर में बैठे अध्यक्ष से कांग्रेस नेताओ ने चर्चा कर कहा कि जो लोग एक्टिव नहीं है उनको हटाकर नए लोगों को जोड़़ना चाहिए, क्योंकि प्रदेश नेतृत्व जब आदेश कर रहा है तो नई कार्यकारिणी बनाना चाहिए। अब कांग्रेसियो की बात सुनकर अध्यक्ष शांत रहे फिर बोले अगर हटाते है तो विरोध होगा ओर विवाद बढ़ जाएगा। अगर विवाद का डर है तो फिर कभी नई कार्यकारिणी बन ही नहीं सकेगी, वैसे नियम के हिसाब से जब नए सिरे से अध्यक्ष बनता है तो पुरानी कार्यकारिणी स्वंत ही भंग मानी जाती है ओर ऐसे में नई कार्यकारिणी बनानी होती है उसमें भले ही पुराने पदाधिकारियो का नाम दोबारा शामिल किया जा सकता है।
25 तक कार्यकारिणी नही बनाई तो प्रदेश कांग्रेस हो सकती है सख्त...
प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी राजीव सिंह कई बार शहर कांग्रेस अध्यक्ष को रिमांडर भेजकर कार्यकारिणी की सूची बनाकर भेजने के निर्देश दे चुके है। प्रदेश कांग्रेस के आदेश पर यह सूची 25 मार्च तक भेजना है। कांग्रेस सूत्र का कहना है कि फिलहाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष कार्यकारिणी सूची बनाने से डर रहे है ओर अगर तय समय में सूची प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के पास नहीं पहुंती तो फिर सख्त कदम प्रदेश कांग्रेस उठा सकती है। वैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 3 अप्रैल को जिला प्रभारियों के अलावा जिला अध्यक्षो की बैठक बुलाई है ओर उस बैठक से पहले अगर कार्यकारिणी की सूची प्रदेश कांग्रेस के पास नहीं पहुंचाई गई तो बैठक में कमलनाथ संबंधित जिला अध्यक्षो से सवाल कर सकते है।
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