ग्वालियर, मध्यप्रदेश। दीपावली त्योहार मनाने की जल्दबाजी ऐसी हो रही है कि जिस 24 डिब्बे वाली ट्रेन में जहां एक हजार यात्रियों की क्षमता होती है उसमें ढाई से तीन हजार लोग यात्रा कर रहे हैं। जनरल कोच ठसाठस होने के बाद अब यात्रा करने वाले आरक्षित कोचों में भी कब्जा जमाकर सफर कर रहे हैं और जिस सीट पर एक व्यक्ति की जगह होती है उस पर तीन-तीन लोग सवार होकर अपनी यात्रा करने को मजबूर हैं।
रविवार को रेलवे स्टेशन पर हालत यह थी कि हर कोई अपने सामान के साथ ट्रेन में सवार होकर अपने गंतव्य पहुंचने के लिए कोच में सवार होने के लिए संघर्ष करता नजर आ रहा था, लेकिन ट्रेनों की हालत ऐसी थी कि कहीं पर भी जगह नहीं थी। ट्रेन के कोच में लगे डिब्बों में स्थित टॉयलेट में भी लोग अपने परिवार के साथ कब्जा जमाए बैठे थे, ऐसे में टॉयलेट जाने वाले परेशान होते देखे गए। वहीं अप और डाउन की एक दर्जन से अधिक ट्रेनों में स्थिति यह हो गई कि किसी भी ट्रेन में 200 से कम वेटिंग नहीं है और जिनका आरक्षण कंफर्म है उन्हें भी अपनी सीट तक नहीं मिल रही है। एक-एक सीट पर इस समय जद्दोजहद है, जिनका रिजर्वेशन है उन्हें भी उनकी सीट बमुश्किल मिल रही है या खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है।
विशेष गाड़ीयां भी हो गईं फेल :
व्यक्ति कहीं भी रहे लेकिन दीवाली पर वह अपने घर की दौड लगाता है। दीपावली का पर्व वह अपने परिवार के साथ ही मनाता है। रेलवे द्वारा दीपावली पर होने वाली भीड़ को देखते हुए विशेष गाडियां भी चलाई जाती है, लेकिन भीड़ को देखते हुए यह गाडियां नाकाफी हो जाती है। यही कारण है कि दीपावली पर गाड़ियों में सफर कठिनाइयों से भरा होता है।
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