ग्वालियर,मध्यप्रदेश। एसएन हॉस्पिटल पर पीसीपीएनडीटी की टीम ने कार्रवाई की है। टीम की एक सदस्य को यहां अवैध तरीके से गर्भपात करने की शिकायत मिली थी। इस पर टीम ने यहां रैकी की और साक्ष्य जुटाए। तब कहीं जाकर इस मामले का खुलासा हो सका है। अवैध गर्भपात का खुलासा होने के बाद टीम ने अस्पताल को सील कर दिया है।
पीसीपीएनडीटी एक्ट की पूर्व सदस्य मीना शर्मा को शिकायत मिली थी कि मुरार कन्या महाविद्यालय के सामने संचालित डॉ. धर्मवीर दिनकर के एस. एन. अस्पताल में अवैध रूप से गर्भपात केन्द्र संचालित किया जा रहा है। इस पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अस्पताल पर निगरानी रखना शुरू की। पिछले पन्द्रह दिनों से अस्पताल की रैकी करने के बाद मीना शर्मा ने एक डिकोय (गर्भवती महिला) तैयार की और अस्पताल में पहुंचाया। महिला ने वहां पहले से ही रची गई कहानी के अनुसार यह बताया कि उसे ढ़ाई माह का गर्भ है और उसकी पहले से ही एक बच्ची है। इसलिए दूसरी बच्ची नहीं चाहती और गर्भपात कराना है। इसके लिए अस्पताल के स्टाफ ने महिला को 16 हजार का खर्चा बताया और गर्भपात के लिए शुक्रवार का दिन तय किया। डिकोय महिला को लेकर दोपहर करीब तीन बजे मीना शर्मा, स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. बिन्दु सिंघल, डॉ. नीलम सक्सेना व डॉ. प्रतीक दुबे अस्पताल पहुंचे। महिला के अंदर जाने के बाद उसने 8500 रूपए स्वागत कक्ष पर मौजूद मंजू सिंह को दिए और बाकी के पैसे बाद में देने के लिए कहा। इसके बाद महिला को भर्ती कर दवा खाने के लिए दी। इसी बीच 4 बजे अस्पताल के बाहर पुलिस के साथ इंतजार में खड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदर पहुंची और अस्पताल के द्वार को बाहर से बंद करा दिया। टीम ने सबसे पहले डिकोय महिला को बाहर निकाला और मौके पर मिली तीन महिला स्टाफ व एक पुरूष स्टाफ के मोबाइल जब्त किए।
एक्सपायरी दवाएं भी मिली :
जांच में टीम को ऑपरेशन थिएटर से गर्भपात कराने वाली एमटीपी किट रखी हुई मिली। साथ ही ऑपरेशन थिएटर सहित अस्पताल में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं भी मिली। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडौतिया को भी मौके पर बुला लिया और स्टाफ के बयान लेकर अस्पताल को सील कर दिया।
जच्चा खाने से आशा में कराया भर्ती :
अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता से जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूछताछ की तो पता चला कि टीकमगढ़ निवासी आरती को परिजन मुरार जच्चा खाने में प्रसव के लिए 14 जनवरी को लेकर पहुंचे थे। जहां चिकित्सकों ने बच्चे की धड़कन न आने की बात कहते हुए लौटा दिया। इस बीच परिजनों को एक आशा कार्यकर्ता मिली और एस. एन. अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां महिला ने ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। महिला के पति दिनेश ने बताया कि ऑपरेशन के बाद टांकों में इंफेक्शन हो गया, जिस कारण दोबारा भर्ती करना पड़ा।
मेडिकल पर पकड़ी थी शराब :
एस. एन. हॉस्पिटल के अंदर मेडिकल स्टोर से कुछ दिनों पहले दस पेटी शराब भी बरामद की गई थी, लेकिन तब किसी ने कार्रवाई नहीं की। अधिकारी मामले को एक-दूसरे पर टालते हुए नजर आए थे।
इनका कहना है :
हमें अस्पताल में अवैध गर्भपात की जानकारी मिली थी। इस पर हमने पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की है। 16 हजार में गर्भपात करने की बात हुई थी। 8500 जमा कर दिये थे। उसके बाद हमारी टीम ने साक्ष्य के साथ उसे पकड़ लिया। अस्पताल को सील कर दिया है।डॉ.मनीष शर्मा, सीएमएचओ, ग्वालियर
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