ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जयारोग्य अस्पताल परिसर में मेंटेनेस के नाम पर बिजली कटौती होने से इसका खामियाजा अस्पताल में पहुंचे मरीजों और अस्पताल के चिकित्सकों को भुगतना पड़ा। ओपीडी में डॉक्टर और मरीज पसीने से तरबतर हो रहे थे। ओपीडी में मौजूद डॉक्टरों ने पसीने से लथपथ होने के बावजूद भी मरीजों को उपचार दिया। वहीं सबसे अधिक परेशानी का सामना दूर दराज से आए मरीजों या उनके परिजनों को करना पड़ा, क्योंकि डॉक्टर को दिखाने के बाद ना तो जांच हो सकी और ना ही उन्हें पूरा उपचार मिला। इससे कई मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
बिजली विभाग द्वारा शुक्रवार को जयारोग्य-कमलाराजा अस्पाताल सहित पूरे परिसर की सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक मेंटेनेस के लिए बिजली कटौती की गई थी। बिजली जाने के बाद जनरेटर स्टार्ट हो गए। लेकिन ऑपरेशन थ्रेटर में लगे उपकरणों का लोड नहीं उठा रहे थे। इसकी जानकारी चिकित्सकों ने जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ को दी। जानकारी मिलते ही जेएएच अधीक्षक ने जनरेटर का संचालन करने वाले प्रतिनिधि को अपने पास बुलाया और कारण पूछा इस पर जनरेटर संचालक ने बताया कि ओटी, सेंट्रल पैथलॉजी लैब और ब्लड बैंक का लोड एक ही जनरेटर पर है। इस कारण वह जनरेटर लोड नहीं ले रहा। इस पर अधीक्षक ने पूछा इससे निपटने का क्या रास्ता है। इस पर उसने बताया कि हम ओटी और मेडिसिन आईसीयू के वेंटीलेटरों के लिए एक जनरेटर रिजर्व रखते हैं। बाकी का लोड अलग-अलग जनरेटर पर डाल देते हैं। इससे हमारा काम हो जाएगा। इस पर अधीक्षक ने अस्पताल प्रबंधक डॉ.अनिल मेवाफरोस को इस व्यवयस्था को दुरूस्त कराने के निर्देश दिए। इस कारण शुक्रवार को होने वाले विभिन्न विभागों के ऑपरेशन अगली तिथि तक टालने पड़े।
ओपीडी में डॉक्टर-मरीज दोनों हुए परेशान :
जयारोग्य अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे मरीजों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। लाईनों में लगे मरीज और उन्हें उपचार दे रहे डॉक्टर दोनों ही पसीने से तरबतर हो रहे थे। इसमें सबसे अधिका परेशानी का सामना ऐसे चिकित्सकों को करना पड़ा जिनके ओपीडी कक्ष में अंधेरा रहता है। उन्होंने टॉर्च की रोशनी से मरीजों के पर्चे पर दवा लिखी।
सीटी सहित नहीं हुईं अन्य जांचे :
लाईट ना होने के कारण सीटी स्कैन मशीन भी बंद रही। इधर, सेंट्रल पैथलॉजी पर भी सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक जांचे नहीं हो सकीं। इस कारण ओपीडी में आए ऐसे मरीज जिन्हें चिकित्सकों ने जांचे लिखीं, उन्हें बिना जांच कराए ही वापस लौटना पड़ा। वहीं एक्सरे और अल्ट्रासाउंड कक्ष में भी मरीजों की कतारे लगी रहेीं।
वार्डों में भी पसीने से नहा रहे थे मरीज :
ऐसा नहीं है कि ओपीडी और जांच केन्द्रों पर ही मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। वार्डों में भी मरीज पसीने से तरबतर होते दिखे। कई मरीजों के परिजन हाथ के पंखे तो कई कागज से अपने मरीज को हवा करने में जुटे हुए थे।
6 माह में तीसरी बार मेंटेनेस :
बिजली विभाग की खामियों का नतीजा डॉक्टर और मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। प्रबंधन के अनुसार यह 6 माह में तीसरी बार मेंटेनेस के नाम पर कटौती हुई। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था।
इनका कहना है :
हां, बिजली मेंटेनेस के लिए सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक अस्पताल परिसर में कटौती की गई थी। कुछ विभागों की ओटी के उपकरणों का लोड जनरेटर नहीं उठा पा रहा था। जानकारी मिलते ही अस्पताल अधीक्षक ने अस्पताल प्रबंधक को निर्देश देकर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करा दिया था।डॉ. देवेन्द्र सिंह कुशवाह, जनसम्पर्क अधिकारी जेएएच
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