ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जयारोग्य अस्पताल व एक हजार बिस्तर के अस्पताल की साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा व्यवस्था हाइड्स की पेटी कान्ट्रेक्ट कम्पनी यूडीएस सम्भाल रही है। लेकिन सफाई कर्मचारियों द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट को न सिर्फ खुले में फेंका जा रहा है, बल्कि कबाड़ी वाले खतरनाक मेडिकल वेस्ट को बाहर ले जा रहे हैं। जबकि सम्भागायुक्त गत दिवस ही हाइट्स के अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर लापरवाही बरती तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जयारोग्य व एक हजार बिस्तर से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के नियम अनुसार इंसुलेटर पर नष्ट कराने के लिए पहुंचाया जाता है। इसके लिए गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन इंसुलेटर संचालक को भुगतान भी करता है। लेकिन यूडिएस के सफाई कर्मचारी कचरे को इंसुलेटर पर भेजने की जगह अस्पताल परिसर में बने गैरेज के सामने खुलेआम में फेंक रहे हैं। इसमें मरीजों के उपचार में उपयोग की गई सिरिंज, ड्रिप, बोतल, कॉटन सहित अन्य सामग्री शामिल है। इतना ही नहीं यूडिएस के कर्मचारी लोडिंग गाड़ी में भरकर कचरा लाते हैं और खुले में फेंक कर चले जाते हैं। जबकि यह बायो मेडिकल वेस्ट जल, थल और हवा के लिए हानिकारक होता है। यह तीनों जगहों को प्रदूषित करता है। इस कचरे से इंफैक्शन, एचआईवी, हैपेटाइटिस जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार यह कचरा लोगों के लिए सबसे 'यादा हानिकारक होता है। यह स्थिति तब है जब गत दिवस ही एक बैठक में जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह ने हाइट्स के अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि अस्पताल की सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामान्य कचरे के साथ मिक्स कर रहे बायोमेडिकल वेस्ट :
बायोमेडिकल वेस्ट को वार्डों में रखे अलग-अलग रंग कूड़ेदान में रखा जाता है। जिसमें सिरिंग, कॉटन, ड्रिप सहित अन्य बायोमेडिकल वेस्ट को नियम अनुसार उसी रंग के कूडेदान में डाला जाता है। जिससे पता चल सके कि किस प्रकार का कचरा किस कूड़ेदान में डालना है। लेकिन जयारोग्य के स्टाफ द्वारा भी नियमों का पालन न करते हुए सामान्य कचरे के साथ कूड़ेदान में बायोमेडिकल वेस्ट को फेंक दिया जाता है।
जुर्माने के बाद भी नहीं सुधर रहे कर्मचारी :
बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकने और बेहतर सफाई न रखने को लेकर जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन हाइट्स पर कई बार जुर्माना भी लगा चुका है। उसके बाद भी कर्मचारी अपनी हकतों से बाज नहीं आ रहे। कम्पनी के कर्मचारियों की गलती की वजह से केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड अस्पताल प्रबंधन पर जुर्माना भी लगा चुका है।
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