ग्वालियर, मध्यप्रदेश। राजनीति में चुनाव के समय उठा पटक होना आम बात हो गई है और विधायक प्रवीण पाठक ने भाजपा के पूर्व पार्षद को कांग्रेस में शामिल तो कराया पर अपने नजदीकियों को संभाल नहीं सके। मंगलवार को दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक पाठक के तीन नजदीकी कांग्रेसियो ने कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर अपने पदो से इस्तीफा सौंपते हुए आरोप लगाया कि कमलनाथ ने जो गाइड लाइन तय की थी उसका पालन टिकट वितरण में नहीं किया गया, लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि जब इस्तीफा दिया था उस समय तक कांग्रेस की कोई सूची पार्षदो की आई ही नहीं थी।
कांग्रेस में पार्षद पद के लिए बड़े नेता अपने समर्थकों को मैदान में उतारने के लिए मेहनत कर रहे है ऐसे में अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जो टिकट की लाइन में है उनका नाराज होना स्वाभाविक है। वैसे इस नाराजगी को दूर करने के लिए कमलनाथ ने एक गाइड लाइन तय की थी कि जो जिस वार्ड का निवासी है उसे ही टिकट दिया जाए, लेकिन इस गाइड लाइन का कांग्रेस के अंदर ही विरोध होने लगा था। अब कांग्रेस में गाइड लाइन तो कई आती है, लेकिन उसका पालन कितना होता है यह सभी को पता है। कांग्रेस के पार्षद उम्मीदवारों की सूची भोपाल में बन रही है और करीब-करीब नाम भी फायनल कर लिए गए है। इन्हीं नामों की भनक लगने के बाद दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वार्डो से पार्षदी का टिकट मांगने वाले 3 कांग्रेस नेताओ ने कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले ही अपने पदो को छोड़ दिया।
बताया गया है कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को करारा झटका लगा है, क्योंकि 4 बार पार्षद रही कुसुम शर्मा ने भी मंगलवार को कांग्रेस को बाय-बाय कर दिया। सूत्र का कहना है कि कुसुम शर्मा से सोमवार की रात सिंधिया ने बात की थी और उनके पुत्र को टिकट दिलाने का भरोसा दिलाया था इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दिया। कुसुम शर्मा वार्ड 45 से कांग्रेस से टिकट मांग रही थी, लेकिन यहां विधायक सतीश सिकरवार अपने समर्थक को मैदान में लाना चाहते है। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में विधायक प्रवीण पाठक के समर्थक माने जाने वाले जिला कांग्रेस महामंत्री सुरेशचन्द्र तिवारी उर्फ पिंकी पंडित, सचिव मनोज भार्गव एवं सेक्टर अध्यक्ष वर्मा ने अपने पदो से इस्तीफा दिया।
पिंकी पंडित का आरोप :
इस्तीफा देने वाले पिंकी पंडित का आरोप है कि कमलनाथ ने गाइड लाइन तय कर दी थी उसके बाद भी एक कांग्रेस नेता की पत्नी को दूसरे वार्ड से टिकट दिया जा रहा है, जबकि वह वार्ड सामान्य है ऐसे में गाइड लाइन का पालन ही नहीं किया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि अभी तो कांग्रेस की सूची भी नहीं आई है तो पिंकी पंडित का कहना था कि हमें सूत्र से पता चला है कि भोपाल में सूची बन गई है और उसमें पिछड़े वर्ग के नेता की पत्नी का नाम है। यहां बता दे कि पिंकी पंडित सीधा अलबेल घुरैया के नाम का इशारा कर रहे है और अलबेल व विधायक प्रवीण पाठक के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है।
कांग्रेस का कहना है :
चुनाव के समय अपने फायदे के लिए लोग इधर से उधर जाते है। सिंधिया ने भी कांग्रेस छोड़ी थी तो कांग्रेस का कुछ नहीं बिगड़ा अब जो लोग कांग्रेस छोड़ रहे है तो उससे कांग्रेस का कुछ नहीं बल्कि छोड़ने वालों का ही नुकसान होगा। सवाल यह है कि पार्टी से ही नेता की पहचान होती है और फिर जो छोड़ रहे है उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या दिया। स्वार्थ के चलते ऐसे लोग जाते रहते है उससे कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला।राजकुमार शर्मा, मीडिया प्रभारी शहर कांग्रेस कमेटी
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