ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर के चन्द्रवदनी नाका निवासी रोहित कुमार ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से शहर की बैशकीमती शासकीय भूमियों को भू-माफियोंओं के कब्जे से मुक्त कराने का आग्रह किया। इस पत्र के बाद बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने भी कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।
रोहित ने कलेक्टर को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि भू-माफियाओं एवं अधिकारियों की सांठ-गांठ से न्यायालय में चल रहे प्रकरणों में सरकार हार रही है, क्योंकि प्रशासन के अधिकारियों की भू-माफियाओं से सांठगांठ होने होने के कारण न्यायालय में शासन का पक्ष नहीं रखते। इसलिए प्रकरण एक पक्षीय हो जाता है और भू-माफियाओं के कब्जे वाली भूमि का उनके मनमाफिक नामांकन हो जाता है। यदि इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। मेरा प्रशासन से आग्रह है कि अवैध कब्जों को हटाकर शासन एवं जनहित में शासकीय भूमि को संरक्षित करने की व्यवस्था करे। साथ ही शहर में कितनी शासकीय और कितनी अशासकीय भूमियों पर अतिक्रमण है इसका पोर्टल तैयार किया जाए। रोहित के इस पत्र पर बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने भी कलेक्टर को पत्र लिखा है और प्रभावी कार्यवाही करने के आदेश प्रदान करने को कहा है।
हुरावली चौराहा :
हुरावली चौराहा स्थित 24 बीघा शासकीय भूमि पर भू-माफिया एवं नगर निगम अधिकारियों की सांठ-गांठ से अतिक्रमण है। जिनकी अनुमानित कीमत 250 करोड़ आंकी गई है। इस भूमि पर 2 बार उच्च न्यायालय में निगम प्रशासन के हित में फैसला हुआ है। वर्तमान में सर्वोच्य न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। जिला प्रशासन सर्वोच्य न्यायालय में ठोस साक्ष्यों के साथ शासन का पक्ष प्रस्तुत करें, ताकि उक्त शासकीय भूमि को मुक्त कराकर जनहित सार्वजनिक हित में उस भूमि का उपयोग किया जा सकें।
आमखो बस स्टैण्ड :
जिला ग्वालियर स्थित नगर निगम बस स्टैण्ड आमखो की स्मार्ट सिटी से लगी शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1817 को भू-माफियाओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों सांठ-गांठ से खुर्द-बुर्द की जा रही है। प्रकरण की जांच कर पुन: शासकीय घोषित की जायें। जिसकी 30 करोड़ आंकी गई है। उक्त भूमि के संबंध में भू-माफियाओं के द्वारा सांठ-गांठ कर शासकीय भूमि पर बटांकन स्वीकृत कराया गया। शासकीय भूमि पर किये गये उक्त बटांकन को एसडीएम के द्वारा निरस्त कर दिया गया है। भू-माफियाओं द्वारा पुन: सांठ-गांठ कर न्यायालय अपर आयुक्त ग्वालियर संभाग से एसडीएम द्वारा निरस्त बटांकन आदेश के विरुद्ध स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया गया है। उक्त भूमि पर जनहित में नगर निगम द्वारा पार्क का निर्माण प्रस्तावित था। अत: उक्त मामले में जिला प्रषासन ठोस साक्ष्यों सहित पैरवी करें और न्यायालय अपर आयुक्त के न्यायालय से उक्त स्थगन आदेश को समाप्त करावें, ताकि जनहित में उक्त भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराकर पार्क का निर्माण किया जा सकें।
डोंगरपुर शासकीय मर्सी होम :
जिला ग्वालियर की तहसील सिटी सेन्टर स्थित ग्राम डोंगरपुर की शासकीय मर्सी होम की भूमि सर्वे क्रमांक 320, 326, 335, 336/1, 337, 365, 366, 370, 371, 372, 373, 374, 375, 376, 378, 379, 380, 384, 385, 386, 388, 389, 391, 392, 393, 394, 395, 396, 397, 398, 399, 400, 401, 402, 403, 404, 405, 406, 407, कुल रकबा 60 बीघा है। भू-माफियाओं एवं अधिकारियों की सांठ-गांठ से खुर्द-बुर्द की जा रही है। जिसकी कीमत 400 से 500 करोड़ रुपए बताई जा रही है। उक्त शासकीय भूमि पर भू-मफियाओं द्वारा नामांतरण कराये जाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रकरण में प्रशासन को अपील करना है।
गौसपुरा :
तहसील लश्कर के पटवारी हल्का गौसपुरा की 300 करोड़ रुपये की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1660, 1661, 1662, 1664, 2159, 2161, 2164, 2165, 2166, 2167, 2168, 2169, 2172 कुल रकबा 57 बीघा है। जिसकी कीमत लगभग 300 करोड़ है। मौजा गौसपुरा की उक्त भूमि पर स्थित प्राकृतिक नाले के बहाव को अवरुद्ध कर मार्ग को परिवर्तित कर उसकी चौड़ाई कम कर दी गयी है। जो एन.जी.टी. के नियमों के विरुद्ध है। नाले का प्रवाह अवरुद्ध होने से एक बड़े क्षेत्र में जल भराव की समस्या उत्पन्न हो गयी है। साथ ही उक्त भू-माफियाओं अवैध रुप से कॉलोनी भी काटी जा रही है। इस संबंध में अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया जाए और शासकीय भूमि के अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा सके। और भूमि का जनहित में शासकीय भूमि पर द्वारा उपयोग किया जा सके।
महलगांव :
शासन एवं जनहित में ग्वालियर विकास प्राधिकरण की ग्राम महलगांव स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 697 का रकबा 12 बीघा से बढ़ाकर 22 बीघा कर भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाने के प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करना।
वीआईपी रेस्ट हाउस मार्ग :
वीआईपी रेस्ट हाउस मुरार के बगल स्थित 7 बीघा शासकीय भूमि इस पर भू-माफियाओं का कब्जा है, इसे मुक्त कराया जाये। जिसकी अनुमानित कीमत 150 करोड़ है। यह भूमि 3 सर्वे नंबर पर है, जिसके 1 सर्वे नंबर पर प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। 2 सर्वे नंबरो पर कोई विवाद नही है। उक्त विवाद रहित भूमि को प्रशासन अपने कब्जे में लेकर पार्क का निर्माण करें।
ग्राम रमौआ :
तहसील सिटी सेंटर के ग्राम रमौआ के शासकीय भूमि सर्वे क्र. 187, 188, 189, 193, 190, 191/1, 191/2, 192, 196, 197, 198, जिसका कुल रकबा 37 बीघा है। इसकी कीमत 100 करोड़ रुपए आंकी गई है। उक्त भूमि सिटी सेन्टर के नजदीक हाइवे पर रमौआ डैम के पास स्थित है। इस शासकीय भूमि पर नगर निगम के द्वारा पार्क निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उक्त भूमि रमौआ डैम के नजदीक होने से पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मौनी बाबा आश्रम :
कैंसर हॉस्पीटल स्थित मौनी बाबा आश्रम की शासकीय भूमि पर भू-माफियाओं का कब्जा है, इसे मुक्त कराया जाये। जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए बताई गई है। उक्त मौनी बाबा आश्रम पर शहर के काफी नागरिकों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुयी है। उक्त स्थल को अतिक्रमण मुक्त कर धार्मिक स्थल के रुप में विकसित किया जा सकता है।
बजरंग नगर :
झांसी रोड पुलिस थाने के सामने बजरंग नगर की 7 बीघा शासकीय भूमि पर भू-माफिया प्लॉट काट कर बेच रहे है। इसे मुक्त कराया जाये। जिसकी कीमत 50 करोड़ रुपए बताई जा रही है। उक्त भूमि शहर के बीचों-बीच स्थित है और इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर नगर निगम द्वारा आवासीय योजना के लिए उपयोग कर सैंकड़ों आवासहीन लोगों को आवास आश्रय दिया जा सकता है।
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