हाइलाइट्स :
सोमवार को बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल ने कलेक्टर एवं निगमायुक्त के साथ किया नदी का निरीक्षण।
नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत नदी का किया जाना है पुनर्जीवित।
नाले एवं नालियों के पानी को नदी में गिरने से रोकना है बड़ी चुनौती।
नदी किनारे अतिक्रमण चिन्हित कर बहाव क्षेत्र को किया जायगा मुक्त।
39.24 करोड़ रुपय केन्द्र शासन ने किया है स्वीकृत।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत मुरार नदी को पुनर्जीवित किया जाना है। केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिए 39.24 करोड़ रुपय स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से कार्य शुरू कराए जाने हैं। सोमवार को बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने कलेक्टर एवं निगमायुक्त के साथ मुरार नदी का निरीक्षण किया। हुरावली चौराहे से शहीद गेट तक लगभग 3 किलोमीटर के एरिए तक नदी किनारे बीज निगम अध्यक्ष अधिकारियों के साथ पैदल चले। इस दौरान उन्होंने नदी के बहाव क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण देखें और बहाव क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सीमांकन कराए जाने के निर्देश दिए। 50 मिनिट के इस दौरान में नदी में मिल रहे सीवर एवं नालियों को हटाने पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
मुरार नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा नमामी गंगे प्रोजेक्ट से राशि स्वीकृत कराई गई है। इस राशि से नदी में साफ पानी बहाने के लिए कार्य किए जाएंगे। साथ ही नदी के दोनों तरफ सड़क भी बनाई जानी है। राशि स्वीकृत हुए तीन महीने से अधिक समय हो गया है और डीपीआर बनाकर टेण्डर भी कर दिए गए हैं। संभवत इसी सप्ताह टेण्डर खुल भी जाएंगे। इसे देखते हुए सोमवार को मप्र के बीज निगम अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एवं निगमायुक्त किशोर कन्याल के साथ नदी का निरीक्षण किया। अधिकारी हुरावली चौराहे से पैदल नदी किनारे होते हुए तीन किलोमीटर पैदल चलकर शहीद गेट पहुंचे। इस दौरान कई जगहों पर नदी के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण दिखाई दिए। कहीं बहाव क्षेत्र में बाउण्ड्री वॉल बनी हुई थी तो कहीं फसल उगती दिखाई दी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को नदी के बहाव क्षेत्र का सीमांकन कराकर जल्द से जल्द अन्य कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए गए। लगभग 50 मिनिट तक चले इस निरीक्षण में उपायुक्त एपीएस भदौरिया, अमृत योजना के कार्यपालन यंत्री जागेश श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट प्रभारी शिशिर श्रीवास्तव, उपयंत्री अजय शाक्यवार, जेडओ राजीव पाण्डे,भाजपा मंडल अध्यक्ष उमेश सिंह भदोरिया क्षेत्र के पूर्व पार्षद वीरेंद्र यादव लल्ला पुरुषोत्त टमोटिया शिवराम जाटव पार्षद पोप सिंह प्रेम मंडेलिया कल्लू भदोरिया अजय श्रीवास्तव आशु श्रीवास सहित भाजपा के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
एनजीटी के आदेश पर पहले हुआ था सीमांकन :
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल(एनजीटी) द्वारा मुरार नदी को पुर्न जीवित करने संबंधी आदेश दिए गए थे। इस आदेश के बाद प्रशासन ने मुरार नदी का सीमांकन कराया था। साथ ही मुरार नदी को पुनर्जीवित करने आदेश दिए गए थे।
दिल्ली के सीपीपीटी पोर्टल से हुए हैं टेण्डर :
नदी के जीर्णोद्धार के लिए बेवकोस कंसलटेंसी द्वारा डीपीआर तैयार की गई है। इस डीपीआर के आधार पर टेण्डर जारी किए गए थे। टेण्डर 2 मार्च का खोले जाने थे लेकिन टेण्डर सेल के अधिकारी की तबीयत खराब होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। अधिकारियों के अनुसार इसी सप्ताह टेण्डर खोले जाएंगे और जिस कंपनी को काम मिलेगा वह डीपीआर के आधार पर कार्य शुरू करेंगे। नदी के जीर्णोद्धार में सबसे बड़ी समस्या बहाव क्षेत्र का अतिक्रमण हटाना एवं नाले तथा सीवर को नदी में गिरने से रोकना है। इसके लिए प्रथम चरण में कार्य किया जाएगा।
कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सेल का गठन :
मुरार नदी के जीर्णोद्धार के लिए किए जाने वाले कार्यों की मॉनिटरिंग बहुत आवश्यक है। इस कार्य के लिए जनवरी 2022 में निगमायुक्त किशोर कन्याल द्वारा एक सेल का गठन किया गया था। इस सेल में पीआईयू नॉडल अधिकारी पवन सिंघल, नॉडल अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव एवं सहायक यंत्री अजय शाक्यवार शामिल हैं। यह तीनों अधिकारी निर्माण सहित अन्य कार्यों की मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट देखेंगे।
इस तरह किया जायगा मुरार नदी का जीर्णोद्धार :
मुरार नदी के जीर्णोद्धार के लिए 39.24 करोड़ रुपय जारी किए गए हैं।
नदी का जीर्णोद्धार नमानी गंगे प्रोजेक्ट के तहत किया जायेगा।
नदी का प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 27 महीने का समय रखा गया है।
27 महीने में तीन महीने का समय टेण्डर प्रक्रिया के लिए रहेगा।
18 महीने में प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाना है।
6 महीने का समय ऑपरेशन एण्ड मेंटेनेंस के लिए रखा गया है।
कहां कितनी चौड़ी रहेगी नदी :
रमौआ बांध से वायपास ब्रिज का विकास (750 मीटर)
गांधी रोड़ ब्रिज से संतर रिवर ब्रिज का विकास (770 मीटर)
संतर रिवर ब्रिज से काल्पी ब्रिज का विकास (1100 मीटर)
काल्पीब्रिज से जड़ेरूआ बांध की डाउन स्ट्रीम का विकास (100 मीटर)
मुरार नदी के बाकी हिस्सों का विकास (9480 मीटर)
शौचालय ब्लॉक्स, गेबियन दीवार, शाइनेज, सोलर लाईट पोल, चलित शौचालय, वाटर स्पोर्ट्स, गेजेबो, बैठने की बैंच, डस्टबिन व प्रवेश द्वार का निर्माण।
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