ग्वालियर, मध्यप्रदेश। चीन, जापान के साथ अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में जिस तरह से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 30 से 40 दिनों तक लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी होगी। मास्क पहनने समेत कोविड से बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। कोविड की पिछली लहरों का ट्रेंड देखें तो चीन, जापान, कोरिया में केस बढ़ने के 10 दिन बाद यूरोप और उसके बाद अमेरिका, लैटिन अमेरिका के देशों में केस बढ़ते हैं। फिर भारत में भी मामलों में इजाफा होता है। अगर इस बार भी ऐसा ही ट्रेंड रहा तो जनवरी में देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं। इस डर की वजह से लोगों ने दवाओं व सर्जिकल उपकरणों को एकत्रित करना शुरू कर दिया है। दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की डिमांड बढऩे से विक्रेताओं ने भी इनके दाम डेढ़ से दो गुना तक बढ़ा दिए हैं।
कोरोना में कारगर बताई जाने वाली दवाओं व सर्जिकल उपकरण के दाम डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गए हैं। कई दवाइयां तो बाजार में उपलब्ध ही नहीं हैं। जेनरिक दवाओं के दाम भी डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गए हैं। ग्लव्स से लेकर ऑक्सीमीटर के दामों में भी अच्छी-खासी उछाल आई है। जिला प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मजबूरी में लोग मंहगे दामों पर दवाएं व उपकरण खरीद रहे हैं। इस राष्ट्रीय आपदा को मुनाफाखोर अवसर मानकर जरूरी दवाओं और उपकरणों की मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। यही वजह है कि कोविड-19 में कारगर मानी जाने वाली पैरासीटामाल, फेविफ्लू, मोनटेयर-एलसी, जीफी 200, एजिथ्रोमाइसीन, नेमूस्लाइड व ओरल मेडरॉल आदि दवाओं के दाम दो गुना तक वसूले जा रहे हैं।
क्या कहते हैं थोक दुकानदार :
थोक दुकानदारों का कहना है कि कंपनियों ने ही दवाइयों के दाम बढ़ा दिए हैं। दवाओं की किल्लत इसलिए है कि कोरोना के भय से लोगों ने इसमें कारगर होने वाली दवाओं व उपकरणों का स्टॉक कर रहे हैं। ग्लव्स के दाम तो तीन गुना तक बढ़ गए हैं। मास्क व सैनिटाइजर के दाम भी उछले हैं। कोरोना के भय की वजह से मास्क व सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। कपड़े वाला मास्क 25 से 35 रुपये प्रति पीस और एन-95 का लोगो छापकर बिक रहे लोकल मास्क की कीमत 60 से 70 रुपये वसूली जा रही है। लोकल सेनिटाइजर 200 एमएल की शीशी 50 से 60 व 500 एमएल सेनिटाइजर 180 से 220 रुपये में उपलब्ध है।
800 से 1500 में नेबुलाइजर :
कोरोना में भाप लेना बड़ा ही लाभकारी माना गया था। इसे देखते हुए नेबुलाइजर की डिमांड तेजी से बढ़ गई है। आलम यह है कि 150 से 500 रुपये वाला नेबुलाइजर 800 से 1500 रुपये का लोग खरीद रहे हैं। इस दाम पर भी बाजार में नेबुलाइजर मौजूद नहीं हैं।
1600 से 2200 में बिक रहा है ऑक्सीमीटर :
कोरोना में अधिकांश मरीजों को ऑक्सीमीटर की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि अधिकतर मेडिकल स्टोर पर ऑक्सीमीटर की डिमांड एक बार फिर से काफी बढ़ गई है। जिनके पास हैं, वह मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। 600 से 700 रुपये वाला चाइनीज ऑक्सीमीटर 1200 से 1400 में बिक रहा है। वहीं बीपीएल व हिक्स आदि कंपनी के ऑक्सीमीटर 1600 से 2200 रुपये तक में लोग खरीद रहे हैं।
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