नव निर्वाचित महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने पहली बार ली अधिकारियों की बैठक। विधायक सतीश सिकरवार ने कहा कि मेरे विस क्षेत्र में कहीं भी 12 मीटर की ऊंचाई तक नहीं आ रहा पानी। अमृत योजना में बिना प्लानिंग के खर्च किया गया पैसा, लोग हो रहे हैं परेशान। शहर की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह बेकाबू हुई।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नव निर्वाचित महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने गुरुवार को पहली बार निगम अधिकारियों की बैठक ली। निगम मुख्यालय में हुई बैठक लगभग सवा घंटे चली। बैठक के प्रारंभ में अधिकारियों ने परिचय दिया। विधायक डॉ. सतीश सिकरवार ने 50 मिनिट तक निगम के कार्यों की पोल खोली। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। योजना में बताया गया था कि 12 मीटर की ऊंचाई तक लोगों को बिना टिल्लू पंप के पानी मिलेगा। मेरी विधानसभा में कहीं भी अगर 6 मीटर की ऊंचाई तक भी पानी आ रहा होगा तो अधिकारी दिखा दें। पूरी बैठक में विधायक ही अधिकारियों की खिंचाई करते रहे। महापौर ने अंत में दो मिनिट बात की और कहां हम शहर को अपना परिवार समझ कर काम करें तो सब अपने आप अच्छा हो जाएगा।
बैठक शुरू होते ही अधिकारियों ने अपना परिचयर महापौर को दिया। इसमें 20 मिनिट से अधिक समय निकल गया। इसके बाद विधायक डॉ. सिकरवार ने एक-एक करके नगर निगम के कार्यों की पोल खोली। उन्होंने सफाई व्यवस्था को लेकर कहा कि जब स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आती है तो पूरा शहर साफ दिखने लगता है, लेकिन इसके बाद सारे अधिकारी फील्ड से गायब हो जाते हैं। आप अभी मेरे साथ चले तो पूरी कहानी सामने आ जाएगी। हर जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। कचरा समय पर उठता ही नहीं है, गाडियां आ नहीं रही और आपके अधिकारी भी निरीक्षण के लिए नहीं जाते। ऐसे में व्यवस्था नहीं सुधरेगी। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में पूरा शहर खोद दिया गया। लोगों को सब्ज बाग दिखाए कि 12 मीटर की ऊंचाई तक पानी मिलेगा। डीएमए तैयार किए जा रहे हैं। आप मेरी विधानसभा में एक भी डीएम दिखा दें जिसमें 6 मीटर तक भी पानी आ रहा हो तो आपकी सारी बातें सही मान लूंगा। इसके जवाब में निगमायुक्त किशोर कन्याल ने पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य से कहा कि आप इनको तैयार हुए डीएमए दिखा दें। अधिकारियों ने कहा कि आनंद नगर में आपको निरीक्षण करा देते हैं। इस पर विधायक ने कहा कि आनंद नगर में पहले से पानी की कमी नहीं है। वहां पहले ही 10 फीट तक पानी आ रहा था। आप तो मेरी विधानसभा में कहीं भी दिखा दें। इसका अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए।
मूत्रालय गंदगी से पटा था :
विधायक सिकरवार ने कहा कि मैं एक कार्यक्रम से लौट रहा था तो ठाटीपुर पर द्वारिकाधीश मंदिर के पास बने मूत्रालय में पेशाब के लिए गया। वहां इतनी गंदगी थी कि अंदर जाने की हिम्मत नहीं हो सकी। यह हाल पूरे शहर के मूत्रालय एवं शौचालयों का है। उन्होंने निगमायुक्त से कहा कि आपके अधिकारियों को फील्ड में घूमने की आदत खत्म हो गई है। लोग परेशान हैं व्यवस्थाएं बेहतर कराएं।
व्यवस्थाएं ठीक मिल जाए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा :
पूरी बैठक में विधायक ने निगम की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जनमित्र केन्द्र में बिना पैसे लिए कोई काम नहीं होता। लोग परेशान हैं, मेरे पास शिकायत आती है तो मैं फोन करके काम कराता हूं। हर जगह हालात खराब हैं। शहर में कहीं भी सफाई व्यवस्था ठीक मिल जाए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। विधायक की आरोपों का अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए।
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा :
विभिन्न समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए महापौर हेल्पलाइन नंबर जारी कर जन-जन तक इसकी जानकारी पहुंचायें और इस नंबर पर आने वाली शिकायतों का संबंधित अधिकारी समय सीमा में निराकरण करें।
प्रत्येक जनमित्र केन्द्र का नॉडल अधिकारी नगर निगम के एक-एक वरिष्ठ अधिकारी को बनाया जाए। वह हर सात दिन में समीक्षा करें।
सीवर संधारण कार्य करने वाले ठेकेदार को हिदायत दी जाए। वह काम न करें तो दण्डात्मक कार्यवाही करें।
शहर में बंद स्ट्रीट लाईटों को सुधारने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए। लापरवाही पर कार्यवाही करें।
अमृत-2 के तहत बनने वाली योजना को लेकर संबंधित पार्षदों को जानकारी दें। जिससे यदि कोई महत्वपूर्ण क्षेत्र छूट गया है तो उसे भी योजना में जुडवाया जा सके।
शहर में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं की सफाई एवं धुलाई प्रति सप्ताह हो।
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