ग्वालियर, मध्यप्रदेश। बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होलिका का दहन कर श्रद्धालुओं ने अग्निदेव से अपने और अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। अधिकांशत: शहर में सर्वाथ सिद्ध योग के शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया। इसी के साथ होली की मस्ती शुरू हो गई, हालांकि इस बार कोरोना के कहर की वजह से होली पर हर बार की तरह हुड़दंग और उल्लास नजर नहीं आ रहा है।
शहर के प्रमुख मंदिरों में पंरपरागत ढंग से हर्षोल्लास के साथ होली जलाई गई। अचलेश्वर महादेव मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, सराफा बाजार, माधवगंज चौराहा, जनकगंज तिराहा, पातली हनुमान तिराहे सहित शहर भर में विधि पूर्वक होलिका दहन किया गया। अचलेश्वर महादेव मंदिर पर शाम 7:30 बजे होली जलाई गई। सराफा बाजारा में दस हजार कंडों से सबसे विशाल होली जलाई गई। सुबह घरों में तो पूड़ी पकवान बनें, लेकिन रात्रि में होने वाले सामुहिक भोज आयोजित नहीं किए गए। श्रद्धालुओं ने परंपरा निभाते हुए होलिका की परिक्रमा कर हरिभक्त प्रह्लाद की सुरक्षा की कामना की तथा अग्निदेव से अपने परिवार की खुशहाली के लिए वरदान मांगा। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच होलिका दहन किया गया। तत्पश्चात लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को होली की शुभकामना दी, हालांकि कुछ लोग एहतियात बरतते हुए दूर से ही हेप्पी होली बोलते नजर आए।
आज मनेगा धुलेंडी का पर्व :
29 मार्च को शहर में रंग-गुलाल खेला जाएगा, जिसके चलते लॉकडाउन होने के बावजूद शहर में रंगों की जमकर खरीददारी हुई। होली के त्योहार के प्रमुख आकर्षण रंग गुलाल हैं, जिनसे बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है। महाराज बाड़ा, हजीरा चौराहा, सदरबाजार मुरार दो दिन पूर्व तक यहां के फुटपाथ सूने नजर आ रहे थे लेकिन रविवार को फुटपाथ पर रंग गुलाल सजा था,, जिन्हें खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे थे. इसके अलावा बाजार से पैक बंद मंहगे रंग और गुलाल की भी बिक्री भी हुई।
कल मनेगी भाईदूज :
होली की दूज को भाईदूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहिनें भाई को अपने घर भोजन कराती हैं और उनके माथे पर तिलक करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे भाई को अकाल मौत का भय नहीं रहता है। इसलिए होली को भाई अपनी बहिन के घर भोजन करने जरूर जाते हैं। 30 मार्च को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार जेल में भाईदूज को भाई बहिन का मिलन मुश्किल होगा।
इस बार होली नहीं खेलेंगे अचलनाथ :
रंगपंचमी के मौके पर भगवान अचलनाथ हर बार शहरवासियों से होली खेलने डोली में सवार होकर निकलते थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से रंगपंचमी पर बाबा अचलनाथ का चल समारोह नहीं निकलेगा। अचलनाथ भक्त मंडल न्यास से सचिव सोनू वाजपेयी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार अब तक चल समारोह निकालने का कोई निर्णय नहीं लिया है। परंपरा स्वरूप बाबा अचलनाथ से मंदिर में ही गिनती के भक्त होली खेलेंगे।
दूज को कलम दवात का होगा पूजन :
चित्रांश इंटरनेशनल वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा 30 मार्च को भाई दूज के दिन चित्रगुप्त भगवान का पूजन यम द्वितीय पूजन कलम दवात पूजन एवं हवन पूजन का कार्यक्रम रखा गया है। भाई दूज 30 मार्च को शाम5 बजे चित्रगुप्त मंदिर आदर्श पुरम कॉलोनी राजावत कॉन्प्लेक्स के बगल से पटेरी रोड गोले का मंदिर पर मनाई जाएगी। चित्रांश इंटरनैशनल वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नूतन श्रीवास्तव ने बताया कि आयोजन में शासन के दिशा निर्देश द्वारा कोरोना काल का पूरा पालन किया जाएगा।
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