ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम में आउट सोर्स के जरिए सफाई कर्मचारी की नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला से 45 हजार रुपय ठगे गए हैं। महिला मालती ने शिकायत दर्ज कराते हुए नगर निगम अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इस मामले में आउट सोर्स का काम देखने वाले कर्मचारी राकेश करोसिया एवं ओमप्रकाश बाथम के नाम भी सामने आए हैं। महिला ने 10 महीने काम भी किया लेकिन उसे वेतन नहीं मिला। इस मामले में निगमायुक्त जांच कराने की बात कह रहे हैं।
नगर निगम में आउट सोर्स के जरिए सफाई कर्मचारी की नौकरी लगवाने के लिए 45 हजार रुपये की रिश्वत लिए जाने का मामला सामने आया है। गुढ़ा गुढी के नाके पर रहने वाली महिला मालती ने शपथ पत्र के साथ शिकायत पुलिस अधीक्षक एवं निगमायुक्त से की है। इसमें महिला ने बताया है कि डब्लूएचओ राकेश करोसिया ने उसकी नौकरी लगवाने की बात कही थी और महिला को नियमित कर्मचारी ओमप्रकाश बाथम के पास ले गया। यहां से दोनों कर्मचारी महिला को अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के पास ले गए। चूंकि नौकरी लगवाने के नाम पर 45 हजार रुपय के लेन देन की बात हुई थी इसलिए यह पैसे लिफाफे में रखकर अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव को दे दिए। इसके बाद महिला को क्षेत्र क्रमांक 8 एवं वार्ड क्रमांक 18 में आउट सोर्स सफाई कर्मचारी के रूप में 24 फरवरी 2020 को भर्ती कर लिया गया। नियुक्ति पत्र पर अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के हस्ताक्षर थे और महिला के हस्ताक्षर रजिस्ट्रर पर कराए जाने लगे। जब दो महीने बाद जब वेतन नहीं मिला तो डब्लूएचओ ने आश्वासन दिया और ऐसे ही 10 महीने बीत गए। परेशान होकर महिला ने स्वास्थ्य अधिकारी सत्यपाल सिंह चौहान से संपर्क किया। तब उन्होंने बताया कि तुम्हारा शपथ पत्र झूठा है इसलिए तुम्हें नौकरी पर नहीं रखा जा सकता और न ही वेतन मिलेगा। इस मामले में महिला ने डब्लूएचओ राकेश करोसिया एवं ओमप्रकाश बाथम के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
पैसे मांगने पर दी जान से मारने की धमकी :
स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मामले का खुलासा किए जाने के बाद मालती ने डब्लूएचओ राकेश करोसिया एवं ओमप्रकाश बाथम से संपर्क किया तो दोनों ने उसके साथ गाली गलौच कर दिया। महिला का आरोप है कि दोनों कर्मचारियों ने जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया और कहा नियुक्ति पत्र भूल जाओ। इस मामले में कार्यवाही करने की मांग की गई है।
इनका कहना है :
मेरे पास जो शिकायत आई है उसमें लगे दस्तावेजों पर अपर आयुक्त के जो हस्ताक्षर हैं वह फर्जी है। अब महिला के पास दस्तावेज कहां से आए और उसका आरोप किस हद तक सही है यह तो जांच के बाद पता चलेगा।नरोत्तम भार्गव, प्रभारी निगमायुक्त
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