व्यापार में करोड़ों के निवेश करने वाले आतिशबाजी विक्रेताओं में भारी निराशा। जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर निर्णय से आतिशबाजी विक्रेताओं को कराया अवगत। प्रशासन ने ही 355 आतिशबाजी विक्रेताओं को लॉटरी निकाल दिया था लाइसेंस।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। खराब वायु गुणवत्ता की वजह से शहर में इस बार जिला प्रशासन ने आतिशबाजी को पूरी तरह प्रतिबंधित कर उक्त आदेश से आतिशबाजी निर्माता और विक्रेताओं को अवगत करा दिया है।शहर में फुटकर आतिशबाजी दुकानदारों ने इस समय मेला मैदान में आतिशबाजी मेला लगाया है, लेकिन उक्त आदेश आने के बाद आतिशबाजी विक्रेताओं में मायूसी छा गई है।
गौरतलब है कि आतिशबाजी विक्र य करने के लिए जिला प्रशासन ने हर बार की तरह इस बार भी बकायदा 355 दुकानदारों को लाइसेंस प्रदान किए थे, जिसके बाद फुटकर दुकानदारों ने गिरवाई थोक बाजार से आतिशबाजी का विक्रय कर मेला मैदान में अपनी दुकानेें सजा लीं। गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम की वजह से लेट हुए आतिशबाजी मेला में शनिवार से ही खरीदारी आरंभ हुई थी, लेकिन शनिवार की शाम उक्त आदेश से फुटकर आतिशबाजी विक्रेताओं में मायूसी छा गई।
वहीं दूसरी ओर आदेश का क्रियान्वन कराने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है और कार्रवाई के लिए चार अलग अलग दल बना दिए हैं। सभी एसडीएम इस आदेश के क्रियान्वन मेें जुटेंगे साथ ही सीएसपी, एसडीओपी, अपर आयुक्त नगर निगम, सीएम नगर पालिका और जनपद के साथ क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को कमान सौंपी गई है।
प्रतिबंध लगाना था तो क्यों दिया लाइसेंस?
जिला प्रशासन ने अपने आदेश में सुप्रीमकोर्ट का गाइडलाइन का हवाला दिया है, यदि पटाखों को प्रतिबंधित करना था तो प्रशासन ने आतिशबाजी विक्रय के लिए लाइसेंस क्यों दिए। उसी के बाद विक्रेताओं ने माल भरा। कई लोगों ने कर्ज लेकर माल भर लिया है। उनका कहना है कि प्रशासन यदि हमें आतिशबाजी का विक्रय नहीं करने देता तो हमारे माल वापस करवाकर हमारे पैसे वापस दिलवाए।
पटाखे खरीद चुकी जनता में भी छाई मायूसी :
एक ओर जहां फुटकर व्यापारियों ने लाखों रुपए का माल भर लिया,वहीं शहरवासी दो दिन से आतिशबाजी मेला से काफी आतिशबाजी खरीद चुके हैं। दिवाली पर जश्न मनाने के लिए जो लोग 10-10 हजार रुपए की आतिशबाजी खरीद लाए हैं, वे लोग भी मायूस हैं और प्रशासन को कोस रहे हैं।
इनका कहना :
दुकानदारों के पटाखे अगर नहीं बिके तो करोड़ों का नुकसान हो जाएगा। लोग रोड पर आ जाएंगे। अपने जेवर मकान गिरवी रखकर दुकाने लगाई हैं, ऐसी स्थिति में पटाखों का विक्रय रोका जाना संभव नही है। अगर पटाखों पर रोक लगानी थी तो 15 दिन पहले आदेश जारी करना चाहिए था।हरीश दीवान, सचिव, फुटकर आतिशबाजी विक्रेता संघ
हम दुकानदारों ने लाखों रुपए का माल भर लिया। प्रशासन का यह आदेश दुकानदारों पर कुठाराघात है। पटाखे बेचना यदि प्रतिबंधित है तो प्रशासन हमारे माल के पैसे दिलवाए।पंकज जायसवाल, कोषाध्यक्ष, फुटकर आतिशबाजी विक्रेता संघ
चेंबर की चेतावनी, दुकानदारों पर कार्यवाही की तो सरकार को भुगतना होंगे परिणाम :
चेंबर ऑफ कॉमर्स ने जिला प्रशासन के आदेश को हास्यापद बताते हुए आतिशबाजी विक्रेताओं का समर्थन करते हुए कहा है कि धनतेरस दीपावली के दिन अचानक से पटाखों पर प्रतिबंध का एक तुगलकी आदेश जारी किया गया है, जिसमें उच्चतम न्यालय के 29 अक्टूबर 2021 के आदेश के संदर्भ मे मप्र शासन के गृह विभाग द्वारा 20 अक्टूबर 2022 को एक ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन ने 22 अक्टूबर धनतेरस के दिन शाम को 6.30 बजे एक तुगलकी आदेश जारी कर ग्वालियर जिले मे पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है जो न तो व्यवहारिक है न इसका पालन करवाया जा सकता है, जिस पर प्रशासन पुनर्विचार करे। चेंबर के अध्यक्ष विजय गोयल मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा है कि उच्चतम न्यालय का आदेश का पालन करना हम सभी का दायत्व है, लेकिन एक वर्ष पूर्व उच्चतम न्यालय का आदेश के पालन मे दीपवाली वाले दिन पटाखों की बिक्री पर रोक लगा देना यह हास्यपद और तुगलकी फरमान है, क्योंकि इस व्यापार मे करोड़ो रूपए का निवेश होता है और यह व्यापार लाइसेंस प्रक्रिया के अंतर्गत होता है जिसके आदेश जिला दण्डधिकारी द्वारा दिए जाते है।
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