अमृत योजना के ठेकेदारों पर दर्ज होगी एफआईआर सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Gwalior : अमृत योजना के ठेकेदारों पर दर्ज होगी एफआईआर

प्रतिवेदन तैयार कर पीएचई अधिकारी एवं पीडीएमसी आरई को भेजा। निगमायुक्त ने शनिवार को समीक्षा बैठक में लगाई फटकार। प्रतिदिन होगी अमृत योजना की समीक्षा, पार्षद की प्राथमिकता से होंगे कार्य।

Deepak Tomar

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अमृत योजना के पेयजल प्रोजेक्टों पर काम करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही काम में देरी करने पर रिकवरी करने के साथ ठेकेदार मैंसस विष्णु प्रकाश पुंगलिया फर्म को ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही भी होगी। इस संबंध में निगमायुक्त किशोर कन्याल ने प्रतिवेदन तैयार कर पीएचई अधीक्षण यंत्री एवं पीडीएमसी आरईआर को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार अगले 72 घंटों में टेण्डर लेने वाली फर्म एवं सहयोगी फर्म (पेटी कॉन्ट्रेक्ट) के रूप में काम करने वाले ठेकेदारों ने व्यवस्थाएं बेहतर नहीं की तो मंगलवार को एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी। यह निर्णय शनिवार को निगमायुक्त द्वारा की गई पीएचई की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया है। बैठक में निगमायुक्त ने ठेकेदार एवं पीडीएमसी इंजीनियरों को जमकर फटकारा।

शनिवार सुबह 10:30 बजे निगमायुक्त के बंगले पर पीएचई बैठक की समीक्षा की गई। इस बैठक में पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य सहित ठेकेदार एवं निगम अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान निगमायुक्त किशोर कन्याल ने पेयजल प्रोजक्ट के ठेकेदार विष्णु प्रकाश पुंगलिया के प्रोजेक्ट इंचार्ज पियूष शर्मा से पूछा कि पूरे शहर में लगातार लाईनें फूट रही हैं आखिर आपकी टीम काम क्यों नहीं कर रही। इसके जबाव में पियूष शर्मा ने बताया कि हमने स्टाफ बढ़ा दिया है और काम लगातार हो रहा है। इसी बीच पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य ने कहा कि इनके द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कोई काम नहीं किया जा रहा। जनप्रतिनिधियों द्वारा जो काम बताए गए थे वह आज तक नहीं हुए। इतना ही नहीं जो शिकायतें कन्ट्रोल रूम में आती हैं उन्हें भी दूर नहीं किया जाता। इसके बाद अधिकारियों ने एक के बाद एक ठेकेदार की पोल खोलना शुरू कर दी। चूंकि निगमायुक्त परिषद में पार्षदों का आक्रोश देख चुके थे इसलिए उन्हें समझ में आ गया कि ठेकेदार काम नहीं कर रहा। इसे देखते हुए निगमायुक्त ने अमृत योजना का ठेका लेने वाले एवं सहयोगी फर्म (पेटी कॉन्ट्रेक्ट) पर काम करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस संबंध में प्रतिवेदन तैयार करके पीएचई अधीक्षण यंत्री एवं मॉनिटरिंग एजेंसी पीडीएमसी के रेसीडेंट इंजीनियर (आरई) को भेज दिया गया है। साथ ही अमृत योजना की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

पार्षद जो काम बताए उसे प्राथमिकता से करें :

निगमायुक्त ने बैठक में साफ कह दिया है कि वार्ड में जो भी काम होंगे वह पार्षद की प्राथमिकता के आधार पर होंगे। पार्षद द्वारा जो भी कहा जाए उसे सुनकर काम करें।15 दिन में सभी पार्षदों को पानी की लाईनों का नक्शा बनाकर प्रस्तुत किया जाए। जब सभी वार्ड के पार्षद उस नक्शे के हिसाब से लाईनों की जांच कर सहमति प्रदान करेंगे तब अमृत योजना के फाईनल बिल का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने ठेकेदार से कहा कि इससे पहले किसी तरह के भुगतान की उम्मीद भी न करें।

तुम ही दीपक बंसल हो, खड़े रहो :

बैठक में विष्णु प्रकाश पुंगलिया के सहयोगी ठेकेदार के रूप में दीपक बंसल भी उपस्थित था। सूत्रों के अनुसार जैसे ही यह कुर्सी पर बैठा तो निगमायुक्त ने पूछा तुम कौन, ठेकेदार ने कहा मैं दीपक बंसल, इतना सुनते ही निगमायुक्त भड़क गए। उन्होंने पूछा तुम ही दीपक बंसल हो, तुम खड़े रहो, तुम्हारे कारण पूरी नगर निगम की बदनामी हो रही है। तुम्हारे खिलाफ तो एफआईआर दर्ज कराऊंगा ही। रिकवरी भी होगी। इतना ही नहीं अधिक से अधिक जो कार्यवाही की जा सकती है वह भी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार निगमायुक्त की इस चेतावनी से डरा ठेकेदार पूर्व मंत्री के पास सिफारिश लेकर भी पहुंच गया।

इस तरह बनाया जाएगा कार्यों का शेड्यूल :

  • लाईनें लीकेज होने पर तत्काल मरम्मत करने टीम भेजें।

  • अमृत योजना के लिए बनाए गए कन्ट्रोल रूम का करें प्रचार प्रसार।

  • खुदी हुई सड़कों की मरम्मत भी युद्ध स्तर पर कराएं।

  • प्रतिदिन होने वाले कार्यों की जानकारी करें अपडेट।

  • अगले दिन होने वाले कार्यों की सूची बनाकर पहले दें।

  • अमृत योजना में बाकी बचे कार्यों की सूची बनाकर प्राथमिकता तय करें।

इनका कहना है :

परिषद की बैठक में पार्षदों द्वारा बताई गई समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करना है। इस संबंध में मैंने पीएचई अधिकारी एवं ठेकेदारों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में साफ कह दिया है कि अगर 72 घंटे में कार्य में तेजी नहीं आई और 10 दिन में व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने सहित कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की जाए।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
अमृत योजना के पेयजल प्रोजेक्ट में काम करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने संबंधी प्रतिवेदन हमें प्राप्त हुआ है। इसमें पीडीएमसी आरई को कार्य की समीक्षा करने के साथ व्यवस्थाएं न सुधरने पर ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए गए है। साथ ही ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने के साथ रिकवरी भी की जानी है।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री, पीएचई, नगर निगम

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