ग्वालियर, मध्यप्रदेश। तीन तहसलीदार, एक नायब तहसीलदार और एक उप पंजीयक, रीडर व दर्जनभर पटवारियों से अधिक के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है। उक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से 16 हैक्टेयर से अधिक सरकारी जमीन के पट्टे कलेक्टर के फर्जी आदेश पर आवंटित कर दिए थे। जिसकी सरकारी कीमत ढाई करोड़ से अधिक बताई गई है। यह मामला ईओडल्यू ने मुरैना की कैलारस तहसील में हुए घपले को लेकर दर्ज किया है। बताया गया है कि वर्ष 2010 से 2017 तक तहसील कैलारस के ग्राम सेमई, ग्राम गुलुपुरा में स्थित सरकारी जमीन के पट्टे आवंटित किए गए। इन पट्टों को नियम के खिलाफ आवंटित किया गया है, क्योंकि पट्टा आवंटन पर रोक होना बताई गई है। साथ ही पट्टे आवंटित करने के लिए कलेक्टर का फर्जी आदेश भी बनाया गया था।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला :
वर्ष 2010 में पदस्थ रहे तहसीलदार प्रदीप कुमार शर्मा, इनके बाद तहसीलदार भरत कुमार, तहसीलदार भूदेव महोबिया, नायब तहसीलदार सर्वेश यादव, उप पंजीयक आरएन शाक्य, तहसीलदार के रीडर रामगोविंद शर्मा, पटवारी माखन अर्गल, हाकिम सिंह के अलावा वर्ष 2012 से 2015 तक पदस्थ रहे पटवारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही पट्टा ग्रहण करने वाले गिर्राज, रवेन्द्र, राजीव, गादीपाल, हरीपाल, रामनिवास, गिर्राज, रमाकांत, अशोक , देवेन्द्र, बनवारी लाल शर्मा, बनवारी धाकड़, जय प्रकाश, गीता जाटव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला पीड़ित सुल्तान सिंह पुत्र गंगाराम निवासी सेमई की शिकायत पर हुई जांच के बाद दर्ज किया गया है।
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