ग्वालियर,मध्य प्रदेश। क्रिकेट मैच के लिए डीन के नाम पर पैसे मांगने वाले डॉ.एमएल माहौर को जयारोग्य अस्पताल के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ.आरकेएस धाकड़ ने कई दायित्वों से मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही सहायक अधीक्षक डॉ.देवेन्द्र सिंह कुशवाह की जगह पर डॉ.वीरेन्द्र वर्मा को नियुक्त किया है।
जीआर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ.अक्षय निगम के नाम पर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ.एमएल माहौर ने डॉ.रत्नेश जैन से क्रिकेट मैच के लिए 50 हजार रूपए की मांग की थी। इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कॉलेज से लेकर अस्पताल तक में खलबली मच गई। जब यह ऑडियो संभागायुक्त दीपक सिंह और अधिष्ठाता डॉ.अक्षय निगम के पास पहुंचा तो उन्हें यह बात रास नहीं आई । उन्होंने डॉ.एमएल माहौर को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया। साथ ही जेएएच अधीक्षक डॉ.आरकेएस धाकड़ को निर्देश दिए कि डॉ.माहौर को दायित्वों से मुक्त किया जाए। इसके बाद डॉ.आरकेएस धाकड़ ने रविवार को ऑफिस खुलवकार आदेश जारी किया।
यहां बता दें कि गत दिवस जयारोग्य अस्पताल के चिकित्सकों के लिए क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था। एमटीए सचिव डॉ.एमएल माहौर ने डीन के नाम का उपयोग करते हुए डॉ.रत्नेश से क्रिकेट मैच के लिए 50 हजार रूपयों की मांग की थी। जानकारी मिली है कि डॉ.माहौर ने डॉ.रत्नेश ही नहीं कई चिकित्सकों से पैसे मांगे थे।
यह लिखा आदेश में
12 मार्च को जारी आदेश में जेएएच अधीक्षक डॉ.आरकेएस धाकड़ ने लिखा है कि प्रशासकीय एवं कार्य सुविधा की दृष्टि से डॉ. वीरेन्द्र वर्मा, डेजी. प्राध्यापक फिजियोलॉजी विभाग को अपने वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ पुराने जे.ए.एच. परिसर (कमलाराजा चिकित्सालय को छोड़कर) आगामी आदेश तक सहायक अधीक्षक नियुक्त किया जाता है। डॉ. एम. एल. महौर, प्रदर्शक फोरेंसिक मेडीसिन विभाग पर कार्य की अधिकता को ध्यान में रखते हुए, उन्हें प्रभारी अधिकारी, मैकेनिकल वर्कशॉप, विद्युत शाखा एवं जल प्रदाय केन्द्र के दायित्वों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है। उक्त समस्त दायित्वों का निर्वहन आगामी आदेश तक डॉ. वीरेन्द्र वर्मा, डेजी. प्राध्यापक फिजियोलॉजी विभाग द्वारा संपादित किया जावेगा।
डॉ.माहौर पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
मैच के नाम पर पैसों की वसूली करने वाले डॉ.एमएल माहौर पर प्रबंधन को कार्रवाई करना चाहिए। साथ ही सच्चाई तक पहुंचने का काम भी करना चाहिए कि आखिर डॉ.माहौन ने किसके कहने पर अधिष्ठाता के नाम का उपयोग करते हुए चिकित्सकों से पैसे मांगे। हालांकि अधिष्ठाता को भी इसमें आगे आकर कार्रवाई करना चाहिए। ताकि भविष्य में उनके नाम और पद का कोई दुरूपयोग नहीं कर सके और करने से पहले कई बार सोचे।
पूनम सरनकर के आरोपों का बताया झूठ
मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के चिकित्सा शिक्षा विभागीय समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहित शर्मा ने बताया कि नर्सिंग ऑफिसर पूनम सरनकर ने इंदौर में प्रेसवर्ता कर डीन-अधीक्षक पर जो आरोप लगाए हैं। वह निराधार हैं। पूनम ने आरोप लगाया है कि एमएससी के अध्ययन के लिए अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा रहा जबकि सच्चाई यह है कि वह एमएससी प्री टेस्ट में पास ही नहीं हुईं। वेतन संबंधी भी पूनम का आरोप गलत है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान मोहित शर्मा के साथ अन्य नर्सिंग ऑफिसर भी उपस्थित थे, जिन्होंने पूनम को गलत बताया। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह न तो डीन-अधीक्षक के पक्ष में हैं और न ही उनके विरोध में। वह तो सही के साथ हैं।
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