कलेक्टर का आदेश हवा, शहर में सरेआम चले अमानक पटाखे Shahid - RE
मध्य प्रदेश

Gwalior : कलेक्टर का आदेश हवा, शहर में सरेआम चले अमानक पटाखे

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : प्रशासन व पुलिस देखते रहे तमाशा। न पटाखा व्यापारियों पर लगा सके रोक न ही आमजन पर की कार्रवाई।

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। दीपावली के ठीक पहले कलेक्टर द्वारा शहर में पटाखे चलाए जाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन कलेक्टर द्वारा दिए गए इस आदेश का शहर और देहात किसी भी इलाके में पालन होता नजर नहीं आया। पटाखा व्यापारियों ने जहां खुलेआम अमानक पटाखे बेचे, वहीं आमजन ने उन्हें खरीदा और सरेआम फोड़ा। प्रशासन द्वारा उक्त आदेश का पालन कराने में भरपूर लापरवाही बरती गई है। नतीजतन जिले की वायु गुणवत्ता की श्रेणी और भी अधिक खराब हो सकती है।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने 20 अक्टूबर को आदेश जारी किया था, कि नवम्बर में 2021 में जिले की वायु गुणवत्ता श्रेणी खराब रही थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिले में पटाखों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।

संशोधित आदेश बना मजाक :

दो दिन बाद कलेक्टर सिंह की ओर से संशोधित आदेश जारी किया गया। जो कि मजाक बन कर रह गया, क्योंकि संशोधित आदेश के अनुसार शहर में तो पटाखे चलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध रखा गया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में रात में 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाए जा सकते हैं। अब यहां पर सवाल यह उठता है कि जब नगरीय सीमा में पटाखे चलाना प्रतिबंधित है, फिर शहर में पटाखों की दुकानें क्यों खोली गईं। आतिशबाजी की दुकानों को ग्रामीण इलाकों में ही संचालित किया जाना उचित होता। जब शहर में आतिशबाजी की दुकानें संचालित की गईं तो फिर शहर में रहने वाले लोगों ने आतिशबाजी खरीदी भी और दीपावली के मौके पर उसका प्रयोग भी किया।

दुकानों पर बिकते रहे अमानक पटाखे :

चूंकि नगरीय सीमा में किसी भी प्रकार के पटाखे चलाना प्रतिबंधित था। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ग्रीन पटाखे चलाए जा सकते थे। इसके बाद भी मेला ग्राउण्ड से लेकर गिरवई पर लगाए गए आतिशबाजी बाजार में ग्रीन पटाखों से अधिक वह पटाखे थे, जिनका फोड़ना प्रतिबंधित किया गया था। पुलिस और प्रशासन को यह सब पता था, इसके बाद भी आतिशबाजी व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

प्रशासन और पुलिस दोनों ही विभाग हुए फेल :

शहर में पटाखे फोड़ना पूर्णत: प्रतिबंधित था, इसके बाद भी सोमवार को शाम से लेकर देर रात तक करोड़ों की संख्यां में शहर में पटाखे फोड़े गए। बड़ी बात तो यह है कि इसके बाद न तो प्रशासनिक अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश का पालन कराने के लिए कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस द्वारा कोई ऐसा कदम उठाया गया।

आदेश जारी करने के बाद कलेक्टर खुद दीपावली मनाने में हुए व्यस्त :

दीपावली से दो दिन पूर्व कलेक्टर की ओर से आदेश जारी कर नगरीय सीमा में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन इस आदेश को जारी करने के बाद कलेक्टर स्वयं भी दीपावली मनाने में व्यस्त हो गए। क्योंकि आदेश जारी करने के बाद कलेक्टर की ओर से एक भी बार यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया गया, कि आदेश का पालन कराया जा रहा है अथवा उस आदेश को अधिकारियों ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है।

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